नई दिल्ली. लोक सभा में तख्तियां लहराने और वेल में आकर नारेबाजी करने के लिए कांग्रेस के चार सांसदों -माणिक टैगोर, एस. ज्योतिमणि, टीएन प्रथापन और राम्या हरिदास को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है.
लगातार हंगामे के कारण उठाया सख्त कदम
सदन में लगातार जारी हंगामे, नारेबाजी और तख्तियां लहराने पर नाराजगी जताते हुए पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने कांग्रेस के चार सांसदों - माणिक टैगोर, एस. ज्योतिमणि, टीएन प्रथापन और राम्या हरिदास को नामित किया. इसके बाद सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संसद के मानसून सत्र की बची हुई अवधि के लिए इन सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव सदन में रखा. पीठासीन सभापति के तौर पर सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे राजेन्द्र अग्रवाल ने कांग्रेस के इन चारों सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव सदन में रखा.
सदन में ध्वनिमत से निलंबन प्रस्ताव पारित होने के बाद पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने कांग्रेस के इन चारों सांसदों के मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबन की घोषणा करते हुए इन्हें तत्काल सदन से बाहर चले जाने को कहा. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही को मंगलवार, 26 जुलाई 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
Four Congress Lok Sabha MPs including Manickam Tagore, Ramya Haridas, Jothimani and TN Prathapan suspended for the entire Monsoon session pic.twitter.com/p2qb2oKshf
— ANI (@ANI) July 25, 2022
लोकसभा अध्यक्ष दे चुके थे चेतावनी
दरअसल कांग्रेसी सांसद महंगाई समेत अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. सोमवार को जब मानसून सत्र का 6वां दिन शुरू हुआ तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इन सांसदों को आखिरी चेतावनी दी थी. बिड़ला ने कहा- ये लोकतंत्र का मंदिर है. सरकार बातचीत और विमर्श के लिए तैयार है. देश चाहता है कि संसद की कार्यवाही हो लेकिन ऐसी स्थिति में सदन काम नहीं कर सकता.
क्या बोले निलंबित सांसद
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक निलंबन के बाद माणिक टैगोर ने कहा- संसद के भीतर आम लोगों की आवाज उठाने की वजह से हमें निलंबित किया गया है. हम देश के लोगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.'
राहुल गांधी भी प्रदर्शन में ले चुके हैं हिस्सा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी भी बीते सप्ताह प्रदर्शन का हिस्सा रहे थे. बीते सप्ताह भी ओम बिड़ला ने विपक्ष के सांसदों को संसद के भीतर तख्तियां न लहराने की हिदायत दी थी.
मंत्री बोले- विपक्ष संसद नहीं चलने देना चाहता
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भी आरोप लगाया कि विपक्ष ने जानबूझकर सदन में विधायी कामकाज में व्यवधान डाला. उन्होंने ट्वीट किया, ‘विपक्ष संसद नहीं चलने देना चाहता. किसी भी चर्चा से भागना, जानबूझकर विधायी कामकाज में व्यवधान डाला... विपक्ष ने कोविड पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था जिसे स्वीकार किया गया लेकिन उन्होंने सदन में कामकाज नहीं होने दिया.
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