नई दिल्लीः आखिरकार वह घड़ी आ ही गई, जिसे इंसाफ की घड़ी कहा गया. सात साल से हर पल एक जंग लड़ रही मां को आज सुकून मिला. वह अपनी बेटी तो खो ही चुकी थी, लेकिन सुकून इस बात का उसे इंसाफ तो दिला ही पाई. कई बार लगा कि यह लड़ाई वह हार रही है. निर्भया के दोषियों का आखिरी पल जिस दर्द और डर के साये में कटा, उससे कहीं अधिक और कई गुना दर्द निर्भया को उस वक्त हुआ होगा.
लगातार कई सालों तक जब इसी दर्द से गुजरती निर्भया की मां को 20 मार्च को मुक्ति मिली तो उन्होंने खुशी के आंसुओं से भीगे गालों को पोछा और मुस्कुराते-रोते हुए विक्ट्री का साइन बनाते हुए हाथ ऊपर उठा दिया. 7 साल 3 महीने और 4 दिन बाद आज न्याय की आशा मुस्कुराई थी.
आज क्या बोलीं निर्भया की मां
फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि 7 साल के बाद आखिर हमें इंसाफ मिला है, देश के लोगों ने निर्भया के लिए लड़ाई लड़ी है. आशा देवी बोलीं कि 20 मार्च का दिन निर्भया के नाम, देश की बेटियों के नाम पर याद रखा जाएगा. लगातार हो रही देरी पर उन्होंने कहा कि देर आए दुरस्त आए.
Delhi: Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim show victory sign after Supreme Court's dismissal of death row convict Pawan Gupta's plea seeking stay on execution. pic.twitter.com/FPDy0hgisv
— ANI (@ANI) March 19, 2020
हम पिछले सात साल में निर्भया से अलग नहीं हुए हैं, हर पल हमने उसके दुख को महसूस किया. उन्होंने कहा कि निर्भया का दुख ही हमारा संघर्ष बना और इंसाफ के लिए हमने लड़ाई लड़ी. आशा देवी ने कहा कि 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के तौर पर मनाएंगीं.
एक बार फिर आधी रात में खुला न्याय का दरवाजा
पैतृक गांव में खुशी का माहौल
निर्भया के चारों गुनहगारों को फांसी होने के बाद बलिया के मेढ़वरा कलां गांव में खुशी का माहौल है. यह निर्भया का पैतृक गांव है. दोषियों को फांसी होने के बाद निर्भया के दादा मोहन सिंह ने कहा, आज भारत से सबसे बड़ा कोरोना खत्म हो गया. निर्भया के चाचा सुरेश सिंह ने कहा, काली रात कटने के बाद आज नया सवेरा शुरू हुआ.
Villagers in Uttar Pradesh's Ballia celebrate after 2012 Delhi gangrape convicts were hanged at Delhi's Tihar Jail early morning today. pic.twitter.com/vrq29n4fBX
— ANI (@ANI) March 20, 2020
आज का दिन हमारे लिए होली और दिवाली है. हम कई सालों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे. अब कलेजे को ठंडक पहुंची है. चाची भाग्यमणि ने कहा, 7 साल से इस दिन का इंतजार कर रहे थे.
ऐसा करने वाले डरेंगे
निर्भया के गांव की लड़कियों ने कहा, आज हमें न्याय मिला है. हम सभी के लिए बहुत खुशी का दिन है. अब लड़कियों के मन से डर निकल जाएगा. ये लोग भी हमारे समाज में कोरोनावायरस की तरह थे. दोषियों को सजा मिलने के बाद लोगों के मन डर पैदा होगा.
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ऐसे मनेगा जश्न
निर्भया के गांव के लोगों सहित पूरे बलिया जिले ने सजा होने के बाद 'न्याय के जश्न' की तैयारी शुरू कर दी है. जिले के सैंड आर्टिस्ट रूपेश सिंह जहां रेत पर आकृति बनाएंगे, वहीं फौजियों के सबसे बड़े गांव बसंतपुर के राजीव मिश्र प्रयागराज जाकर रक्तदान करेंगे. वहीं, निर्भया के गांव में तालाब, शिव मंदिर सहित कई जगहों को दीपों से रोशन कर दीपावली मनाई जाएगी. छात्रनेता रिपुदमन सिंह सहित तमाम लोगों ने अपने-अपने तरीके से न्याय के जश्न की तैयारी की है.