नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में हुई 69,000 शिक्षक भर्ती एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. सपा पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव (MLA Sangram Singh Yadav) ने 69,000 अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण न मिलने पर सरकार से सवाल पूछा है. विधायक संग्राम सिंह ने विधानसभा में कहा कि हजारों की संख्या में अभियार्थी इस भर्ती को लेकर लगातार अपनी आवाज उठाकर आंदोलन कर रहे हैं. बावजूद इसके उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा करते हुए कहा कि करीब 70 फीसदी अभ्यर्थियों का चयन इसी आरक्षण वर्ग के अनुसार हुआ है.
सरकार से विपक्ष का सवाल...
विधानसभा में सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने 69,000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण नहीं मिलने का मुद्दा उठाया है. विधानसभा में उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि शिक्षक भर्ती को लेकर हजारों की संख्या में अभ्यर्थी आरक्षण कर रहे हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को कहा कि 69,000 शिक्षक भर्ती में 70.58 फीसदी अभ्यर्थी आरक्षित वर्ग से चयनित हुए हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस भर्ती की आड़ में सत्ता पक्ष को आरक्षण विरोधी बताने का षडयंत्र करता है.
इतने अभ्यर्थियों का हुआ चयन...
सुरेश खन्ना ने जानकारी देते हुए कहा कि इस भर्ती में 31,228 अभ्यर्थी ओबीसी के चयनित हुए हैं साथ ही इनमें 12,360 आरक्षित पदों पर और 18,598 मेरिट के आधार पर चयनित हुए हैं. उन्होंने कहा कि 17,260 अभ्यर्थी अनुसूचित जाति और 211 अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. यह मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. न्यायालय के आदेश के अनुसार सरकार कार्यवाही करेगी.
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