नई दिल्लीः दिल्ली का वायु प्रदूषण का स्तर मंगलवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया. इससे एक दिन पहले ही केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में निर्माण व तोड़फोड़ की गतिविधियों से पाबंदी हटाई थी. मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि वायु गुणवत्ता के 27 दिसंबर तक 'बहुत खराब' से 'गंभीर' स्तर में रहने के आसार हैं.
जानिए कितना प्रदूषण
शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 402 दर्ज किया गया जो सोमवार को 332 था. पड़ोसी हरियाणा के फरीदाबाद में एक्यूआई 395, गुरूग्राम में 314 रहा जबकि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 392, ग्रेटर नोएडा में 372 और नोएडा में 382 दर्ज किया गया.
यह ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है. एक्यूआई शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी का माना जाता है.
हवा की कम रफ्तार भी जिम्मेदार
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि हवा की कम गति और बहुत कम तापमान ऐसी स्थितियों के लिए जिम्मेदार है. ‘स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की रफ्तार कम होना तथा कम तापमान की वजह से प्रदूषक तत्व जमा हो गए हैं.
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उन्होंने बताया कि एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण आने वाले दिनों में वायु की गति कम ही रहेगी. उनके मुताबिक 27-29 दिसंबर के बीच उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है जिससे वायु गुणवत्ता में थोड़े सुधार की उम्मीद है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने वायु गुणवत्ता में सुधार और अनुकूल मौसम पूर्वानुमान के मद्देनजर सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था.
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