Maharashtra: अजित पवार का गुट ही असली NCP, विधानसभा स्पीकर ने दिया फैसला

NCP Ajit Pawar: महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले से शरद पवार गुट को बड़ा झटका लगा है. स्पीकर ने फैसला दिया कि अजित पवार का गुट ही असली NCP है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 15, 2024, 05:36 PM IST
  • सुप्रिया सुले ने जताई नाराजगी
  • शिवसेना के फैसले का आधार लिया
Maharashtra: अजित पवार का गुट ही असली NCP, विधानसभा स्पीकर ने दिया फैसला

नई दिल्ली: NCP Ajit Pawar: महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने NCP विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की याचिका पर फैसला दे दिया है. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजित पवार गुट को असली पार्टी घोषित किया. उन्होंने कहा कि विधानसभा में विधायकों की संख्या बल के आधार पर अजित पवार का गुट ही असली NCP है.

'पार्टी में फूट नहीं, बस दो गुट बने'
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि पार्टी में कोई फूट नहीं हुई है. सिर्फ गुट बन चुका है. अजित पवार और शरद पवार गुट, दोनों ने दावा किया कि हम ही मूल पार्टी हैं. हालांकि, फैसला देते वक्त ये देखना जरूरी है कि असली पार्टी कौन है. फैसला देने से पहले पार्टी संविधान, नेतृत्व संरचना और विधायी बहुमत पर विचार किया गया है. 30 जून, 2023 को NCP में दो गुट बने. इससे पहले पवार के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा. पार्टी संविधान को लेकर भी कोई विवाद नहीं है.

'शिवसेना के फैसले का आधार यहां लेना होगा'
राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाने से पहले कहा कि शिवसेना को लेकर जो फैसला मैंने सुनाया, उसका आधार यहां लेना होगा. दोनों गुट पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए ही दावा कर रहे हैं. दोनों गुटों का कहना है कि अध्यक्ष का चुनाव पार्टी संविधान के मुताबिक नहीं हुआ. यहां दो समानांतर नेतृत्व खड़े हो गए हैं.

सुप्रिया सुले- हमने अदालत का रुख किया है
शरद पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार NCP के संस्थापक व अध्यक्ष हैं, थे और रहेंगे. पार्टी को इसके संस्थापक से छीनने का काम किया जा रहा है. हमने अदालत का रुख किया है, क्योंकि पार्टी और इसके चिह्न को उसी व्यक्ति से छीन लिया गया, जिसने पार्टी को बनाया है. 

आज खत्म होनी थी समय सीमा
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने एनसीपी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा था. हालांकि, फिर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आपत्ति जताई और दलील दी कि केवल एक हफ्ते का ही समय दिया जाए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए समय सीमा 15 फरवरी तक बढ़ानी की बात कही. गौरतलब है कि  सुनवाई में अजित पवार गुट की ओर से अनिल पाटिल और समीर भुजबल मौजूद रहे. जबकि शरद पवार गुट से केवल वकील ही उपस्थित रहे.

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