नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत की पिक्चर फ्लॉप हो गई है. कल तक पूरे पांच साल तक की सरकार चलाने का दावा करने वाले अजित पवार बैकफुट पर चले गए हैं. इसके अलावा भाजपा ने भी अपनी दलील पेश की है. कल तक जो खुद को सियासत का सबसे बड़ा बाज़ीगर समझने थे. वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अगली चाल चलने से पहले ही ढेर हो गए. प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया है.
Devendra Fadnavis: After this I'll go to Raj Bhavan and tender my resignation. I wish them all the best whoever will form the govt. But that will be a very unstable govt as there is huge difference of opinions. #Maharashtra pic.twitter.com/Wrhb4PE1rV
— ANI (@ANI) November 26, 2019
कल होना था फ्लोर टेस्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कल यानी बुधवार (27 नवंबर) को फ्लोर टेस्ट होना था. लेकिन इससे पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम पद और एनसीपी से बागी अजित पवार ने नए-नवेले डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया.
बैठक में तय हुई रणनीति
मुंबई में आज सुबह फडणवीस के घर पर बीजेपी कोर कमिटी की बैठक हुई. इस बैठक में अजित पवार भी पहुंचे थे. सभी को अंदेशा था कि जरूर कोई बड़ी खबर आने वाली है और वही हुआ जिसका डर था. अजित के इस्तीफे के थोड़ी देर बाद फडणवीस भी मीडिया के सामने आए और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया. इस दौरान सीएम फडणवीस ने विपक्ष और खासकर शिवसेना पर जोरदार हमला बोला.
फडणवीस ने शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन पर चिंता जाहिर करते हुए ये कहा कि ये तीनों अलग-अलग विचारधारा की पार्टियां हैं. ऐसे में महाराष्ट्र के भविष्य को काफी नुकसान पहुंच सकता है.
राउत ने कर दिया ये ऐलान
इधर, फड़णवीस और अजित पवार का इस्तीफा हुआ तो, दूसरी तरफ बिना देरी किए शिवसेना नेता संजय राउत ने दावे के साथ ऐलान कर दिया है कि ढाई साल नहीं बल्कि पूरे 5 साल के लिए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ही होंगे. राउत ने ये कहा कि 'पांच साल के लिए उद्धव ठाकरे साहब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे. शिवसेना, महाविकास अघाड़ी, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस सरकार में साथी होंगे.'
आपको बता दें, महाराष्ट्र की राजनीति में धूम मचाने वाले अजित पवार सोमवार रात से अपने आवास से गायब थे. सियासी पंडित ये जानना चाहते थे कि आखिर अजित के दिल और दिमाग में चल क्या रहा है. कल से लेकर आज सुबह तक तमाम खबरें और तस्वीरें आईं. जिसमें महाराष्ट्र की सियासत के केन्द्र बिंदु बने अजित पवार पूरे सीन से अलग दिखे.
सूत्रों के हवाले से मिली थी जानकारी
सूत्रों की मानें तो इस्तीफे से पहले अजित पवार को मनाने के लिए एक गुप्त स्थान पर सीक्रेट मीटिंग रखी गई थी, अजित को मनाने का दौर जारी है. लेकिन, इन सबके बीच एक बात कहना गलत नहीं होगा कि अजित पवार ना इधर के रहे और ना उधर के. अजित पवार मात्र 78 घंटे के लिए ही महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री पद पर रह पाए.
बताया जा रहा है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मामले में दखल देते हुए महाराष्ट्र में सरकार गठन के विवाद को ज्यादा लंबा खींचने से इनकार कर दिया. क्योंकि ऐसा करने से भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगता, जो कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को मंजूर नहीं था.