नई दिल्ली: तमाम विरोध-गतिरोध के बीच कृषि विधेयकों (Farm Bill) को अब कानून का दर्जा मिल गया है. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने संसद की ओर से पारित तीनों कृषि विधेयकों (Farm Bill) को रविवार को स्वीकृति दे दी है. हालांकि कानून को लेकर अब भी भारी विरोध जारी है. विपक्ष इस कानून को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है.
अब विधेयकों को लागू कराने की बारी
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधेयकों पर मुहर लगा दी है. अब ये विधेयक कानून हो गए हैं. बारी अब विधेयकों को लागू करने की है.
इन तीनों विधेयकों का भारी विरोध हो रहा है. पंजाब हरियाणा, सहित उत्तर भारत में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. ट्रेनें तक रोकी जा रही हैं. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान इसे 'काला कानून' बताकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है.
President Ram Nath Kovind gives assent to three farm bills passed by the Parliament. pic.twitter.com/hvLvMgNI8Y
— ANI (@ANI) September 27, 2020
सांसदों ने सदन में किया था विरोध
बीते रविवार को उच्च सदन में केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा चर्चा के लिए लाए गए दो अहम विधेयक, 'कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020' पर विपक्षी दलों के सांसदों ने पुरजोर विरोध किया था.
उन्होंने दोनों विधेयकों को किसानों के हितों के खिलाफ और कॉरपोरेट को फायदा दिलाने की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया था.
इस विधेयक के कारण अकाली दल ने छोड़ा साथ
इन विधेयकों पर सरकार के बढ़ते कदमों को देखते हुए केंद्र सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद उनकी पार्टी अकाली दल ने NDA का साथ छोड़ दिया है. शिरोमणि अकाली दल भी अब केंद्र सरकार को किसान विरोधी बता रहा है.
संसद में इस बिल के भारी विरोध और कई तरह की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप कई सांसद निलंबित भी किए जा चुके हैं.
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