नीतीश कुमार का ऐलान, फल्गू को करेंगे श्रापमुक्त

बिहार के गया समेत कई जिलों में बहने वाली फल्गू नदी को अंतःसलिला यानी धरती के नीचे बहने वाली नदी के रूप में जाना जाता है. इस नदी में ऊपर पानी नहीं दिखता, लेकिन जमीन के नीचे कल-कल बहता पानी नजर आता है. इसके पीछे पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सीता के श्राप को कारण बताया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, फल्गू नदी में पानी भी लाएंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 20, 2019, 03:25 AM IST
नीतीश कुमार का ऐलान, फल्गू को करेंगे श्रापमुक्त

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल, जीवन, हरियाली यात्रा के दौरान गया की अंतःसलिला यानी जमीन के नीचे-नीचे बहने वाली फल्गु नदी को दिए गए माता सीता के श्राप को दूर करने का संकल्प लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'फल्गु नदी को सीता मइया का श्राप है, उसे न सिर्फ हम मुक्त कराएंगे, बल्कि फल्गु नदी में पानी भी लाएंगे.' फल्गु नदी से जुड़े इस श्राप का जिक्र दरअसल तब हुआ जब सीएम गंगा जल उद्वह योजना का जिक्र कर रहे थे.

इसी दौरान सीएम ने सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि नदी में पानी हमेशा दिखे, इसको लेकर हम काम करेंगे. साथ ही फल्गू में गंदा पानी ना जाए, इसका भी पूरा ख्याल रखेंगे. नीतीश कुमार ने गया तक गंगा जल पहुंचाए जाने का ऐलान करते हुए कहा कि यह काम 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा. इस पर तुरंत काम भी शुरू होगा, जिसके लिए इसका टेंडर भी निकाल दिया गया है.

यह फल्गू नदी की कहानी
बिहार के गया समेत कई जिलों में बहने वाली फल्गु नदी को अंतःसलिला यानी धरती के नीचे बहने वाली नदी के रूप में जाना जाता है. इस नदी में ऊपर पानी नहीं दिखता, लेकिन जमीन के नीचे कल-कल बहता पानी नजर आता है. इसके पीछे पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सीता के श्राप को कारण बताया गया है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक त्रेता युग में जब राम-सीता का जन्म मानव रूप में हुआ था, तब राजा दशरथ के पिंडदान के वक़्त अद्भुत घटना के घटित होने का वर्णन है.

राजा दशरथ की मृत्यु के बाद भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ पिंडदान करने गया आए थे. पिंडदान से पहले वह कुछ सामग्री लेने कहीं गए, इस बीच समय निकला जा रहा था, तो पंडितों ने माता सीता को पिंडदान करने की सलाह दी.

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गवाही में बोले झूठ का श्राप
पंडितों के कहने पर माता सीता ने अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान किया. इसका साक्षी पंडित, गाय, कौवा और फल्गु नदी को बनाया. इन चारों से झूठ नहीं बोलने की सीता ने शपथ भी ली. इस बीच जब भगवान राम लौट कर आए और पिंडदान के विषय में पूछा तब माता सीता ने पूरी बात बताई. साथ ही पिंडदान के साक्षी पंडित, गाय, कौवा, और फल्गु नदी को गवाह बताया. राम ने जब इन चारों से पिंडदान हुआ या नहीं, इस बारे में पूछा तो चारों ने ही झूठ बोल दिया कि माता सीता ने कोई पिंडदान नहीं किया.

ये सुनकर माता सीता ने चारों को झूठ बोलने की सजा देते हुए आजीवन श्रापित कर दिया. सीता ने ही फल्गु नदी को अंतःसलिला होने का श्राप दिया था. कथा है कि इसके बाद से ही फल्गु नदी जमीन के नीचे बहती है.

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