नई दिल्लीः Gyanvapi ASI Survey Updates: ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार को एएसआई सर्वे शुरू हो गया है. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया. वहीं मुस्लिम पक्ष इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. मामले में आज सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में आशंका जताई है कि एएसआई सर्वे के दौरान मस्जिद परिसर में खुदाई कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मामले के सुनवाई योग्य होने को लेकर भी याचिका पर सुनवाई करेगा.
'मुस्लिम पक्ष ने किया बहिष्कार'
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर वकील सोहन लाल आर्य ने कहा, 'पुरानी सूची के अनुसार आठ लोग थे... जिलाधिकारी की ओर से जारी की गई नई सूची में...मेरा नाम था.' इसमें अन्य भी शामिल थे लेकिन इसमें सुधीर त्रिपाठी, विष्णु शंकर जैन और हरिशंकर जैन के नाम शामिल नहीं थे...बाद में उनके नाम जोड़े गए...मुस्लिम पक्ष ने इसका (सर्वेक्षण) बहिष्कार किया है...'
#WATCH | Varanasi, UP: On the ASI survey of the Gyanvapi mosque complex, advocate Sohan Lal Arya says, "According to the old list, eight people were there...In the new list that was released by the DM...My name was also there including others but it did not include the names of… pic.twitter.com/l85KGlIyVg
— ANI (@ANI) August 4, 2023
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के वकील इस सर्वे में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि मुसलमानों की तरफ से उच्चतम न्यायालय में इस सर्वे के निर्णय को पहले ही चुनौती दी जा चुकी है.
हाई कोर्ट ने दी थी सर्वे की अनुमति
बता दें कि गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है. उच्च न्यायालय ने वारणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा.
इससे पहले वाराणसी की जिला अदालत के निर्णय के बाद एएसआई की टीम ने गत 24 जुलाई को भी ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम शुरू किया था लेकिन कुछ ही घंटों बाद मस्जिद से जुड़ी कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने इस सर्वे पर तत्काल रोक लगा दी थी और मामले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष रखने को कहा था.
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