ICMR का बड़ा खुलासा, फ्लू और सांस के रोगियों को कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के आंकड़ों के जरिए और डरा देने वाला खुलासा हुआ है. जिसके मुताबिक फ्लू और सांस के मरीजों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है. जानिए पूरा हिसाब-किताब..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 15, 2020, 11:27 AM IST
    • ICMR के आंकड़ों से हुआ है चौंकाने वाला खुलासा
    • फ्लू और सांस के मरीजों में कोरोना होने का ज्यादा डर!
    • दिल्ली में हर पांचवां सांस रोगी कोरोना पॉजिटिव
    • महाराष्ट्र में हर तीसरा फ्लू रोगी कोरोना संक्रमित
ICMR का बड़ा खुलासा, फ्लू और सांस के रोगियों को कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा

नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस कोरोना वायरस के कहर के सामने लाचार है. इस जंग में आखिरकार वायरस को हराने वाला हथियार कब तैयार होगा? यही सवाल हर किसी के ज़ेहन में है. तो इस बीच ICMR के आंकड़ों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

फ्लू सांस के रोगियों में कोरोना होने का ज्यादा डर!

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR का इशारा यही है कि फ्लू और सांस के रोगियों पर कोरोना वायरस के अटैक करने की संभावना ज्यादा है. फ्लू और गंभीर रूप से सांस की बीमारी से पीड़ित लोग जब कोरोना का टेस्ट कराने आए तो जो नतीजे आए वो चौंकाने वाले थे.

ICMR के अनुसार जनवरी से अब तक 1 लाख 69 हजार 200 सांस के रोगियों का कोरोना टेस्ट हुआ जिसमें से 22 हजार 806 यानी करीब साढ़े 13 फीसदी पॉजिटिव पाए गए. वहीं 4 लाख 9 हजार 672 फ्लू के मरीजों में से 40 हजार 871 कोरोना से संक्रमित पाए गए जो करीब 10 फीसदी के बराबर है.

फ्लू और सांस के मरीजों में इस खतरनाक वायरस कोरोना संक्रमण का अटैक सबसे अधिक देश की राजधानी दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में दिखाई दे रहा है. यहां हर तीसरा से छठा फ्लू और सांस का मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया जा रहा है.

महाराष्ट्र में हर तीसरा फ्लू रोगी कोरोना संक्रमित

यदि महाराष्ट्र का जिक्र करें तो 49 हजार 503 फ्लू के मरीजों में से 16 हजार 966 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए यानी संक्रमण की दर 34 फीसदी से ज्यादा है. इसका साफ मतलब है कि महाराष्ट्र में हर तीसरा फ्लू रोगी इस वायरस की चपेट में है, ये आंकड़े वाकई बेहद ही डरावने हैं.

दिल्ली में हर पांचवां सांस रोगी कोरोना पॉजिटिव

अगर देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां जिन 14 हजार 67 फ्लू के मरीजों का कोरोना टेस्ट हुआ है उसमें से 5 हजार 713 पॉजिटिव पाए गए हैं. इसका मतलब ये हुआ कि दिल्ली में 40 फीसदी से ज्यादा फ्लू के रोगी कोरोना संक्रमित मिले हैं.

वहीं गुजरात में 30 हजार 636 फ्लू के मरीजों में से 5 हजार 391 लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ गए हैं. यानी यहां फ्लू मरीजों में कोरोना संक्रमण की दर साढ़े 17 फीसदी से ज्यादा है.

सांस के रोगियों में संक्रमण का ज्यादा खतरा!

सांस की बीमारी से गंभीर तौर पर जूझ रहे लोगों में भी कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ी तादाद में देखा जा रहा है. महाराष्ट्र में 35 हजार 448 सांस के मरीजों में से 9 हजार 715 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, यानी महाराष्ट्र में 27 प्रतिशत से अधिर सांस के मरीज कोरोना से संक्रमित हैं.

वहीं राजधानी दिल्ली में जिन 13 हजार 38 सांस के मरीजों का कोरोना टेस्ट हुआ, उनमें से 2 हजार 648 में कोरोना वायरस पाया गया. यानी संक्रमण दर 20 फीसदी से ज्यादा रही. इसके अलावा गुजरात में सांस के रोगियों में कोरोना संक्रमण की दर 23 फीसदी से ज्यादा रिपोर्ट हुई, जहां 20 हजार 524 में से 4 हजार 746 सांस के मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं.

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फ्लू के मरीजों और सांस के रोगियों में कोरोना वायरस के संक्रमण के ज्यादा खतरे ने ICMR को भी चौंका कर रख दिया है. यही वजह है कि अब ये तय किया जा रहा है कि कंटेनमेंट जोन में फ्लू के मरीजों और सांस की गंभीर समस्या झेल रहे लोगों की कोरोना टेस्टिंग बड़े पैमाने पर हो ताकि वक्त रहते संक्रमण का पता चल सके.

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