नागरिकता कानूनः बिहार बंद में हुई थी हिंसा, तेजस्वी यादव के खिलाफ FIR

बिहार बंद के दौरान पटना सहित पूरे राज्य में कई जगहों पर आरजेडी के कार्यकर्ताओं के द्वारा तोड़-फोड़ की गई थी. उपद्रव ऐसा था कि लोग हैरान परेशान थे. कई जगह ट्रेन रोकी गई थी. कई सरकारी गाड़ियों को निशाना बनाया गया था. इतना ही नहीं ऑटो रिक्शा से लेकर रिक्शा चालकों तक को भी नहीं बख्शा गया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 23, 2019, 05:01 AM IST
नागरिकता कानूनः बिहार बंद में हुई थी हिंसा, तेजस्वी यादव के खिलाफ FIR

नई दिल्ली: बिहार बंद के दौरान हुए हिंसा और असामाजिक तत्वों के द्वारा तोड़ फोड़ किए जाने के कारण पुलिस बेहद सख्त हो गई है. पुलिस ने आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव सहित 27 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज की है. 21 दिसंबर को आरजेडी के द्वारा बिहार बंद बुलाया गया था, जिसका नेतृत्व तेजस्वी यादव ने किया था. इस बंद को महागठबंधन की तमाम पार्टीयों का समर्थन था.

बिहार बंद के दौरान पटना सहित पूरे राज्य में कई जगहों पर आरजेडी के कार्यकर्ताओं के द्वारा तोड़-फोड़ की गई थी. उपद्रव ऐसा था कि लोग हैरान परेशान थे. कई जगह ट्रेन रोकी गई थी. कई सरकारी गाड़ियों को निशाना बनाया गया था. इतना ही नहीं ऑटो रिक्शा से लेकर रिक्शा चालकों तक को भी नहीं बख्शा गया. आरजेडी के समर्थकों ने बंद के दौरान एसएसपी से लेकर राजभवन तक कि गाड़ियों को घेर लिया और आवागमन को बाधित किया, जिससे अधिकारियों की गाड़ियों को निकलवाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

एक्शन में पुलिस, दर्ज की एफआईआर
पटना के डाकबंगला चौराहा पर हंगामा, यातायात बाधित करने के मामले में तेजस्वी यादव समेत 27 लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है. इन सभी पर धारा-147/149/188/341/504/IPC तहत मामला दर्ज किया है.

बिहार बंद का नेतृत्व करने डाकबंगला पहुंचे तेजस्वी यादव ने NRC और CAA एक्ट को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि ये कानून संविधान विरोधी और देश विरोधी कानून है. ये देश की जनता के साथ अन्याय कर रही है. तेजस्वी यादव ने NRC और CAA को देश का काला कानून बताया है. वहीं, नीतीश कुमार पर लोकसभा और राज्य सभा में इस कानून के समर्थन करने पर जमकर कटाक्ष किया.

राहुल गांधी को भाजपा की चुनौती, CAA की 10 लाइन बोलकर दिखाएं

तेजस्वी यादव के भाषण के बाद कार्यकर्ताओं ने मीडिया को निशाना बनाया, इस दौरान कई मीडिया के कैमरे तोड़े गए. कई पत्रकारों पर लाठी डंडे से प्रहार किया गया, जिससे कि वे बुरी तरह से घायल हो गए. कार्यकताओं की भीड़ में उपद्रवियों की संख्या इतनी थी कि पुलिस ने काफी मशक्कत से कई पत्रकारों की जान बचाई.

इन नेताओं पर दर्ज किया गया है केस
राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी, शिवानंद तिवारी, तेजस्वी यादव, भाई वीरेन्द्र, शकील अहमद खान, उपेन्द्र कुशवाहा, सुनील कुमार, आयुष कुमार, सृजन स्वराज, कारी साहेब, मदन मोहन झा, अवधेश कुमार सिंह, पूनम पासवान, ब्रजेश पांडेय, उमेश मिश्रा, अमर आजाद, अरूण मिश्रा, गणेश शंकर सिंह, गौतम कुमार, अजय पासवान, संतोष कुशवाहा, डॉ विश्वास, छोटू सहनी, विकास वैक्सर, मोहम्मद अल्तमश, आशुतोष शर्मा, समेत सैकड़ों अज्ञात कार्यकर्ताओं पर भी केस दर्ज किया गया है.

नागरिकता कानून पर बौखलाए ममता के मंत्री ने अमित शाह को दी धमकी

ट्रेंडिंग न्यूज़