नई दिल्ली: रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की मांग हर रोज बढ़ती जा रहीं है. हालात ये हैं कि ये इंजेक्शन आउट ऑफ स्टॉक चल रहा है. रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए, एक्स्पर्ट्स बताते हैं कोरोना के हर मरीज को रेमडेसिविर का इंजेक्शन लगाना गलत हैं.
जीवन रक्षक नहीं है ये इंजेक्शन
यह इंजेक्शन जीवन रक्षक नहीं है, बल्कि विशेष परिस्थितियों में ही इसका इस्तेमाल होना चाहिए. कई जगहों पर कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत इंजेक्शन लेकर अस्पतालों में पहुंचाए जा रहे हैं.
उत्तर भारत की दवाइयों के सबसे बड़ा बाजार चांदनी चौक की भागीरथ प्लेस देश की सबसे बड़ी होलसेल फार्मास्यूटिकल मार्केट में एक है, लेकिन यहां भी रेमडेसिविर की कमी बनी हुई है. होलसेल डीलर के पास दर्जनों की संख्या में वेटिंग लिस्ट है. जिसके पीछे सबसे बड़ी वजह है बीते दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड में कमी और विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाना, हालांकि भारत की आत्मनिर्भर कैपेसिटी 40 लाख इंजेक्शन प्रति महीने बनाने की है.
केमिस्ट के पास नहीं मिल रही दवाइयां
ज़ी हिन्दुस्तान से खास बात करते हुए ड्रग्स ट्रेडर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी आशीष ग्रोवर ने बताया कि बाकी दवाइयां जो कोरोनावायरस तौर पर प्रयोग में आती है जैसे अजित्रोमाइनस, फेबिफ्लु आदि की कोई कमी नहीं है. यह जरूर है कि रिटेल बाजारों में छोटी केमिस्ट के पास यह दवाइयां नहीं मिल पा रही है, लेकिन होलसेल बाजार में उपलब्धता है.'
उन्होंने कहा कि 'जहां तक सवाल रेमडेसिविर इसकी कालाबाजारी की खबरें हमारे पास की आती है. हम तो सरकार से यह दरख्वास्त करना चाहते हैं की कम से कम इस इंजेक्शन की सप्लाई सीधे अस्पतालों में की जाए ताकि कालाबाजारी रुके, हालांकि केंद्र सरकार द्वारा रेमडेसिविर के निर्यात पर पाबंदी से आने वाले 15 दिनों के बाद स्थिति में सुधार आ सकता है.'
Remdesivir से विशेष फायदा नहीं होता: WHO
हमने पहले भी कहा है कि इस दवा से अस्पताल में भर्ती मरीज को कोई फायदा नहीं होता दिखा, हालांकि एक बहुत छोटी स्टडी में इसके थोडे बहुत फायदे देखे गए थे, लेकिन विशेष फायदा नहीं है. हम 4500 मरीजों पर एक और स्टडी कर रहे हैं जिसके नतीजे कुछ हफ्तों में आ जाएंगे.
रेमडेसिविर लेने की जरूरत नहीं
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील सिंघल का कहना है कि 'कोरोना की हर एक मरीज के लिए रेमडेसिविर लेने की जरूरत नहीं है. यह सिर्फ चुनिंदा मरीजों को दिया जाना चाहिए बाकी, कोरोना के पेशेंट का इलाज अन्य दवाइयों के जरिए हो सकता है, लिहाजा जितना संभव हो सिर्फ उतने ही इंजेक्शन का प्रयोग करें.'
पिछले वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक पैनल ने कहा था कि गिलियड की दवा रेमडेसविर (Remdesivir) अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के लिए नहीं है, चाहे वे कितने भी बीमार क्यों ना हों.
रेमडेसिविर का नहीं होता है असर
पैनल ने कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चले कि इस दवा से मरीज की हालत ठीक होती है. गाइडलाइन में कहा गया कि पैनल को ऐसे सबूतों की कमी दिखी, जिनमें ये बताया गया हो कि रेमेडिसविर ने मृत्यु दर को कम किया या वेंटिलेशन की जरूरत को कम किया हो.
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