COVID XE Variant: कोरोना का नया वैरिएंट आया है, डब्ल्यूएचओ का चेतावनी वाला बयान भी आ गया है

रिपोर्ट के मुताबिक एक्सई वैरिएंट पुराने ओमिक्रॉन के दो सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है. हालांकि डब्ल्यूएचओ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि जब तक एक्सई वैरिएंट के ट्रांसमिशन और बीमारी के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा जाता तब तक इसे ओमिक्रॉन वैरिएंट से ही जोड़कर देखा जाएगा. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 2, 2022, 10:30 AM IST
  • BA.2 सब-वेरिएंट अब दुनियाभर के लिए सबसे बड़ी चिंता बन चुका है
  • एक्सई स्ट्रेन का पहली बार ब्रिटेन में 19 जनवरी 2022 को पता चला था
COVID XE Variant: कोरोना का नया वैरिएंट आया है, डब्ल्यूएचओ का चेतावनी वाला बयान भी आ गया है

नई दिल्ली: कोरोना के नए वैरिएंट एक्सई ने दुनिया में दस्तक दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी यह जानकारी देते हुए बताया है कि यह नया वैरिएंट ओमीक्रॉन से 10 फीसद ज्यादा संक्रामक है. रिपोर्ट के मुताबिक एक्सई वैरिएंट पुराने ओमिक्रॉन के दो सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है. हालांकि डब्ल्यूएचओ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि जब तक एक्सई वैरिएंट के ट्रांसमिशन और बीमारी के व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा जाता तब तक इसे ओमिक्रॉन वैरिएंट से ही जोड़कर देखा जाएगा. 

फिलहाल सबसे बड़ी चिंता
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि BA.2 सब-वेरिएंट अब दुनियाभर के लिए सबसे बड़ी चिंता बन चुका है. बता दें कि एक्सई स्ट्रेन का पहली बार ब्रिटेन में 19 जनवरी 2022 को पता चला था. तब से 600 से ज्यादा एक्सई मामलों की पुष्टि हो चुकी है.  ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुजैन हॉपकिंस का कहना है कि अभी नए वैरिएंट एक्सई की संक्रामकता, गंभीरता के बारे में निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इस पर टीके काम करेंगे या नहीं यह भी पता नहीं है. 

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भारत में क्या है कोरोना की स्थिति
भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 1,260 नये मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,30,27,035 हो गयी, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 13,445 रह गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार 83 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,21,264 हो गयी है. 

वहीं एक नए अध्ययन में पता चला है कि ओमीक्रोन से मुकाबले के लिए कोविड रोधी टीके की बूस्टर खुराक की जरूरत है. दरअसल कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के मामले में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और दोनों के मिश्रण की खुराक ले चुके लोगों में एंटीबॉडी का स्तर छह महीने के बाद घटने लगता है. राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे के एक अध्ययन से यह संकेत मिला है. एनआईवी में वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव ने कहा कि डेल्टा और अन्य चिंताजनक स्वरूप के मामले में पहली खुराक में कोविशील्ड और दूसरी खुराक में कोवैक्सीन दिए जाने पर अच्छे नतीजे मिले. अध्ययन के निष्कर्ष जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन में प्रकाशित किए गए हैं. 

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