दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हो गयी है. इसी बीच, गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने दिल्ली हिंसा पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि दंगों की हर साजिश की जांच होगी. रेड्डी ने कहा है कि हिंसा की साजिश का पर्दाफाश करेंगे. दिल्ली में कुछ राजनीतिक पार्टियों ने अफवाह फैलाई जिसके परिणाम स्वरूप निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
रविवार शाम सात बजे अफवाह फैलने से तनाव
दिल्ली के कई इलाकों में रविवार शाम सात बजे अफवाह फैलने से तनाव हो गया. हालात ऐसे हो गए कि दिल्ली मेट्रो की तिलकनगर समेत सात मेट्रो स्टेशनों को बंद करना पड़ा. हालांकि एक घंटे से भी कम समय के भीतर सभी मेट्रो स्टेशन फिर से खोल दिए गए. वहीं दिल्ली पुलिस ने भी फौरन ट्वीट कर लोगों से अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हालात पूरी तरह सामान्य है. कहीं से भी हिंसा की खबर नहीं है. सोशल मीडिया पर जो लोग अफवाह फैला रहे, उन पर नजर रखी जा रही.
अब तक कुल 167 FIR दर्ज
दिल्ली पुलिस अब तक कुल 167 दर्ज कर चुकी है. आर्म्स एक्ट में कुल 36 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, पुलिस ने अब तक कुल 885 लोगों को पकड़ा है, जिनमें से कुछ गिरफ्तार और कुछ लोग हिरासत में हैं. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा के बाद अब हालात सामान्य हैं. दिल्ली पुलिस ने अर्द्धसैनिक बलों के साथ शनिवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों मौजपुर, जाफराबाद, बाबरपुर में फ्लैग मार्च किया.
दिल्ली दंगों ने झकझोर दिया आपसी सौहार्द्र
नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से उसके विरोध को लेकर जो ओछी राजनीति शुरू हुई उसका ही दुखद और भयावह परिणाम दिल्ली के दंगों के रूप में सामने आया. नागरिकता संशोधन कानून का किसी भारतीय नागरिक से कोई लेना-देना नहीं लेकिन विपक्ष की उकसावे और गुमराह करने वाली राजनीति ने 44 घर उजाड़ दिये. नागरिकता किसी की नहीं गयी लेकिन जेहादियों ने 44 जानें ले लीं और हजारों लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी.
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