डिंपल यादव ने शाक्य की मदद से शाक्य को हराया, जानें अखिलेश की इस रणनीति के बारे में

मैनपुरी सीट पर सपा की जीत का सबसे ज्यादा क्रेडिट यूपी के पूर्व सीएम और सपा के मुखिया अखिलेश यादव को दिया जा रहा है. यह उपचुनाव सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था. मुलायम सिंह यादव खुद इस सीट से पांच पर लोकसभा पहुंच चुके थे. ऐसे में अखिलेश ने इस पूरे उपचुनाव की कमान खुद संभाली.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 9, 2022, 09:24 AM IST
  • डिंपल यादव ने शाक्य की मदद से शाक्य को हराया
  • जानें अखिलेश की इस अनोखी रणनीति के बारे में
डिंपल यादव ने शाक्य की मदद से शाक्य को हराया, जानें अखिलेश की इस रणनीति के बारे में

नई दिल्ली: मैनपुरी उपचुनाव के नतीजे जारी किए जा चुके हैं. कल यानी 8 दिसंबर को आए नतीजों में डिंपल यादव ने प्रतिद्वंदी रघुराज शाक्य को 2 लाख 88 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया. अपनी खानदानी सीट को बचाने के लिए सपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी. वहीं बीजेपी ने भी पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सीट पर कब्जा करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी. 

अखिलेश की सोशल इंजीनियरिंग ने किया कमाल

मैनपुरी सीट पर सपा की जीत का सबसे ज्यादा क्रेडिट यूपी के पूर्व सीएम और सपा के मुखिया अखिलेश यादव को दिया जा रहा है. यह उपचुनाव सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था. मुलायम सिंह यादव खुद इस सीट से पांच पर लोकसभा पहुंच चुके थे. ऐसे में अखिलेश ने इस पूरे उपचुनाव की कमान खुद संभाली. 'चाचा' शिवपाल के साथ रिश्तों में आई तल्खी को भी उन्होंने चुनाव से पहले भुला दिया. साथ ही खुद अखिलेश और डिंपल ने मैनपुरी में घर-घर जाकर जनता से वोट मांगे. 

'शाक्य फैक्टर' ने दिलाई डिंपल को जीत

मैनपुरी में डिंपल के जीत की सबसे बड़ी वजह 'शाक्य फैक्टर' थी. दरअसल अखिलेश यादव ने इस बार अपनी सोशल इंजीनियरिंग को भी मजबूती दी. उन्होंने यादव और मुस्लिम वोटरों को साधने के साथ ही साथ ब्राह्मण, गैर यादव ओबीसी, और दलित समुदाय के वोटरों को भी साथ में मिलाया. डिंपल को मैनपुरी का उम्मीदवार बनाने से पहले उन्होंने आलोक शाक्य को मैनपुरी की जिलाध्यक्ष बनाया ताकि गैर यादव ओबीसी वर्ग को भी साधा जा सके. बता दें कि मैनपुरी में यादव के बाद सबसे ज्यादा संख्या शाक्यों की है. इसके अलावा डिंपल के लिए प्रस्तावक एक दलित को बनाया गया. 

जीत ने मिटाई चाचा भतीजे की दूरियां

मैनपुरी के उपचुनाव में जहां अखिलेश को मुलायम की विरासत संभालने में कामयाबी दिलाई. वहीं चाचा भतीजों के बीच बनी दूरी को इस उपचुनाव ने मिटा दी. जानकारों की मानें तो सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को अपार जनसमर्थन मिलने के बाद समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का आपस में विलय हो गया है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यह जानकारी खुद दी है.

क्या कहा शिवपाल ने

प्रसपा का सपा में विलय करने की घोषणा पर शिवपाल ने कहा, "मेरी गाड़ी में अब सपा का झंडा रहेगा. मुझे सही समय का इंतजार था. परिवार और जनता की मांग अब पूरी हो गई है." उन्होंने कहा कि मैनपुरी उपचुनाव में सपा की जीत भाजपा के लिए कड़ा संदेश है.

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