द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनने से पहले मिली जेड प्लस सिक्योरिटी, ये जवान रहेंगे सुरक्षा में तैनात

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की राजद की ओर से राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी होने की घोषणा की थी.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 22, 2022, 10:30 AM IST
  • द्रौपदी मुर्मू को मिली जेड प्लस सिक्योरिटी
  • एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं द्रौपदी
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनने से पहले मिली जेड प्लस सिक्योरिटी, ये जवान रहेंगे सुरक्षा में तैनात

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ राष्ट्रपति चुनाव के लिए घोषित हुई प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को जेड प्लस सिक्योरिटी प्रदान की है. केंद्र ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों से लैस ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान की है. 

बुधवार से मिली जेड प्लस सिक्योरिटी

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, सशस्त्र दस्ते ने बुधवार तड़के मुर्मू (64) की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की राजद की ओर से राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी होने की घोषणा की थी. 

स बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि इस घोषणा के तुरंत बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को मुर्मू की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के लिए अपने ‘वीआईपी’ सुरक्षा दल को तैनात करने का निर्देश दिया था. 

कौन हैं द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. वह ओडिशा की रहने वाली हैं और आदिवासी समुदाय से आती हैं. अगर द्रौपदी मुर्मू चुनाव जीतती हैं तो वह देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनेंगी. इस संबंध में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐलान किया. इससे पहले प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की एकमात्र महिला राष्ट्रपति रही हैं. वह साल 2007 से 2012 तक देश के राष्ट्रपति के पद पर रही थीं.

द्रौपदी मुर्मू दो बार की विधायक और एक बार राज्यमंत्री के तौर पर काम कर चुकी हैं. द्रौपदी मुर्मू अपने राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान कभी विवादों में नहीं रहीं. बताया जाता है कि वह राज्यपाल के पद पर रहते हुए हमेशा आदिवासियों, बालिकाओं के हित की बात करती थीं और सजग रहती थीं. उनका राज्यपाल का कार्यकाल 6 साल 18 दिन का रहा था.

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