शाहबाज शरीफ के बयान पर विदेश मंत्रालय की दो टूक- जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न, अटूट हिस्सा है

भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की कुछ टिप्पणियों के संदर्भ में बृहस्पतिवार को जोर देकर कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं को जानकारी दी.

Written by - Lakshya Arora | Last Updated : Jan 5, 2023, 11:48 PM IST
  • अनुच्छेद 370 भारत का मामला हैः विदेश मंत्रालय
  • शाहबाज शरीफ ने की थी वैश्विक भूमिका की अपील
शाहबाज शरीफ के बयान पर विदेश मंत्रालय की दो टूक- जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न, अटूट हिस्सा है

नई दिल्लीः भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की कुछ टिप्पणियों के संदर्भ में बृहस्पतिवार को जोर देकर कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं को जानकारी दी.

अनुच्छेद 370 भारत का मामला हैः विदेश मंत्रालय
उन्होंने कहा, ‘हमने बार-बार इस बात को रेखांकित किया है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है. अनुच्छेद 370 से जुड़ा विषय पूरी तरह से भारत का मामला है, हमारे संविधान का विषय है. यह हमारा सम्प्रभु विषय है.’

शाहबाज शरीफ ने की थी वैश्विक भूमिका की अपील
उन्होंने कहा, ‘मुझे इसमें उनका कोई विषय नहीं दिखता है. इससे वास्तविकता नहीं बदल जायेगी.’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से शाहबाज शरीफ की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया था, जिसमें उन्होंने कश्मीर के लोगों को अपने भाग्य का फैसला करने का अधिकार देने के लिये वैश्विक समुदाय से भूमिका निभाने की अपील की थी और अनुच्छेद 370 का मुद्दा भी उठाया था. 

इससे पहले पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन नई दिल्ली को कश्मीर समेत लंबित मुद्दों का संवाद के जरिये समाधान के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए. 

पाक विदेश मंत्रालय ने भी दिया था ये बयान
विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा था, 'पाकिस्तान का मानना है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि लंबित विवादों का समाधान न हो जाए, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर का मुख्य मुद्दा.' उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर विवाद का संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत समाधान की कोशिश करता रहेगा. 

ज्ञात हो कि भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर के विशेषाधिकारों को वापस लेने की घोषणा की थी और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने का निर्णय किया था. 

(इनपुटः भाषा)

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