चीन के कंट्रोल वाली लोन कंपनियों पर सरकार हुई सख्त, गृह मंत्रालय ने दिया एक्शन का निर्देश

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कर्ज देने वाले मोबाइल ऐप के खिलाफ कानून प्रतर्वन एजेंसियों को सख्त कार्रवाई करने को कहा है क्योंकि चीन के नियंत्रण वाली इन कंपनियों के उत्पीड़न और पैसा वसूल करने के सख्त तरीकों की वजह से आत्महत्या की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 30, 2022, 08:53 PM IST
  • चीन के कंट्रोल वाली लोन कंपनियों पर सरकार हुई सख्त
  • गृह मंत्रालय ने दिया कड़ा एक्शन लेने का निर्देश
चीन के कंट्रोल वाली लोन कंपनियों पर सरकार हुई सख्त, गृह मंत्रालय ने दिया एक्शन का निर्देश

नई दिल्ली: भारत सरकार ऑनलाइन तरीके से लोन देने वाली चीन के नियंत्रण की कंपनियों पर कड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है. इसी के मद्देनजर अब सेंट्रल होम मिनिस्ट्री एक निर्देश जारी करते हुए लोन देने वाली चीन के नियंत्रण वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. 

क्या कहा गृह मंत्रालय ने

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कर्ज देने वाले मोबाइल ऐप के खिलाफ कानून प्रतर्वन एजेंसियों को सख्त कार्रवाई करने को कहा है क्योंकि चीन के नियंत्रण वाली इन कंपनियों के उत्पीड़न और पैसा वसूल करने के सख्त तरीकों की वजह से आत्महत्या की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि इस मुद्दे का राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और नागरिकों की सुरक्षा पर बड़ा गंभीर असर हो रहा है. 

कंपनियां करती हैं उत्पीड़न

गृह मंत्रालय ने कहा कि देशभर से बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि डिजिटल तरीके से कर्ज देने वाली गैरकानूनी ऐप विशेषकर कमजोर और निम्न आय वर्ग के लोगों को ऊंची ब्याज दरों पर कम अवधि के कर्ज या सूक्ष्म कर्ज देती है और इसमें छिपे शुल्क भी होते हैं. ये कंपनियां कर्जदारों के संपर्क, स्थान, तस्वीरों और वीडियो जैसे गोपनीय निजी डेटा का इस्तेमाल कर उनका उत्पीड़न करती हैं और उन्हें डराकर कर उनको ब्लैकमेल भी करती हैं. 

गई है कई लोगों की जान

मंत्रालय ने कहा कि, कर्ज देने वाली इन गैरकानूनी कंपनियों के खराब रवैये के कारण देशभर में कई लोगों की जान चली गई है. इस मुद्दे का राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. कर्ज लेने वालों को इन ऐप को अपने संपर्क, स्थान और फोन की स्टोरेज तक अनिवार्य रूप से पहुंच देनी पड़ती है. 

कंपनियां करती हैं डाटा का दुरुपयोग

मंत्रालय ने कहा कि इसी डेटा का दुरुपयोग किया जाता है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, जांच में यह पाया गया है कि यह एक संगठित साइबर अपराध है जिसे अस्थायी ईमेल, वर्चुअल नंबर, अनजाने लोगों के खातों, मुखौटा कंपनियों, भुगतान सेवा प्रदाताओं, एपीआई सेवाओं, क्लाउड होस्टिंग और क्रिप्टोकरंसी के जरिये अंजाम दिया जाता है. 

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