Hathras satsang stampede: एक क्लोज सर्किट टेलीविजन (CCTV) फुटेज सामने आई है, जिसमें स्वयंभू उपदेशक बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि 'भोले बाबा' का काफिला उस गांव से निकलता हुआ दिखाई दे रहा है, जहां भगदड़ में 121 लोग मारे गए हैं.
PTI एजेंसी द्वारा साझा किए गए फुटेज में कई सेवक भोले बाबा के काफिले के गुजरने के दौरान सड़क के दोनों ओर खड़े दिखाई दे रहे हैं.
VIDEO | Hathras stampede: CCTV footage shows self-styled preacher Baba Narayan Hari alias Saakar Vishwa Hari 'Bhole Baba' leaving from the village (Phulrai) with his private convoy just after the incident. pic.twitter.com/t3yoTzVa74
— Press Trust of India (@PTI_News) July 4, 2024
यह भगदड़ मंगलवार को उस समय हुई जब हजारों लोग हाथरस जिले के सिकंदरा राऊ क्षेत्र के रतिभानपुर गांव में प्रवचनकर्ता द्वारा आयोजित 'सत्संग' के लिए विशेष रूप से लगाए गए टेंट में एकत्र हुए थे.
धार्मिक समागम समाप्त होने के बाद जब महिलाएं कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलने लगीं, तो भगदड़ शुरू हो गई.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को बताया कि छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सभी सेवादार हैं. इन छह लोगों में दो महिलाएं और चार पुरुष हैं.
मुख्य आरोपी पर एक लाख का इनाम
पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है. आईजी (अलीगढ़ रेंज) शलभ माथुर ने कहा कि भोले बाबा का नाम FIR में नहीं है, क्योंकि उनके नाम पर धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं ली गई थी.
पुलिस ने कहा, 'हालांकि, अगर जरूरत पड़ी तो भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी, लेकिन यह सब जांच की दिशा पर निर्भर करता है...हम उनके आपराधिक अतीत की रिपोर्ट की भी जांच कर रहे हैं.'
सत्संग के आयोजकों ने 80,000 लोगों के लिए अनुमति ली थी, लेकिन 2.5 लाख लोग इसमें शामिल हुए. पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
2002 में क्यों जेल गए थे बाबा?
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2000 में उन्हें आगरा में गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने एक 16 वर्षीय लड़की का शव उसके परिवार से जबरन छीन लिया था और दावा किया था कि वह उसे वापस जिंदा कर देगा. हालांकि, बाद में मामला बंद कर दिया गया था. उपदेशक बनने से पहले भोले बाबा ने कासगंज में कांस्टेबल सूरज पाल के रूप में कार्य किया था.
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