हैदराबाद (Hyderabad) जिसे हाईटेक सिटी के नाम से भी जाना जाता है वहां लगातार हो रही बारिश (Heavy Rain) ने लोगों को ये एहसास दिलवा दिया है कि हम चाहे तकनीकी रुप से कितने भी सक्षम हो जाएं मौसम और प्रकृति के आगे अभी भी बौने हैं.
प्राकृतिक आपदा के आगे सब नतमस्तक
जानकारों के मुताबिक आंध्र (Andhra Pradesh) और तेलंगाना (Telangana) में 1908 के बाद दूसरी बार रिकॉर्ड भारी बारिश हुई है. जब बेंगलूरू एक आईटी सेंटर के रूप में उभरा तब आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने हैदराबाद को आईटी हब बनाने की योजना बनाई.इसके लिए बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा देने की बात कह तमाम आईटी कंपनियों को अपने यहां आने का न्यौता दिया.इसके लिए बकायदा काम भी किया और हैदराबाद को हाईटेक सिटी बनाने के लिए स्टेप बाय स्टेप साइबर टॉवर (Cyber tower) और साइबर गेटवे (Cyber Gateway) स्थापित किया. साइबर टॉवर जीई केपिटल और ऑरेकल कार्पोरेशन जैसे मल्टीनेशनल के लिए ऑफिस था.लगातार प्रयास का ही नतीजा था कि सत्यम कंप्यूटर्स, विप्रो, टाटा कंसलटेंसी सर्विस, माइंडस्पेस, एलएंडटी, इंफोसिस, एपीआईआईसी, आईबीएम और गूगल जैसी तमाम बड़ी कंपनिय़ों ने यहा बसेरा डाला.बड़े पैमाने पर विकास कार्य किए और देश को तरक्की के फलक पर चमका दिया. जाहिर सी बात है इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया गया. चमकदार सड़कें, इंटरनेट का जाल, बेहतर बिजली पानी की व्यवस्था ने इस शहर को इस लायक बनाया कि देश की बड़ी कंपनियों के साथ साथ विदेशी कंपनियों ने भी अपने कार्य का विस्तार किया. देश के अलग अलग जगहों से आए नौजवानों को इस शहर ने तरक्की करने का मौका दिया. विकास की रफ्तार में इस मुकाम पर आकर बारिश ने अपना विकराल रुप दिखाया है.
हैदराबाद हुआ पानी पानी
पिछले दिनों बारिश के दौरान के कुछ वीडियो सामने आए जिसमें अस्पताल वाटर फॉल में तब्दील दिखा. सड़कों और गलियों में खड़ी कई गाड़ियां बारिश के पानी में खिलौने की तरह बहती दिखी.घरों में पानी घुस जाने के बाद बहुत से लोग अपने छतों पर खड़े नजर आए थे. लगातार तेज बारिश से सड़कें जैसे दरिया बन गई. कई जगहों पर बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई तो पीने के पानी का संकट भी सामने आया. मानो जिंदगी ठप हो गई. ऐसा दृश्य तो 20 साल की उम्र के लोगों ने अपने जीवन में नहीं देखा. और बड़ी उम्र वालों ने देखा भी होगा तो भूल चुके हैं.
बारिश ने रोकी जिंदगी
हैदराबाद के पॉश इलाके बंजारा हिल में रहने वाली मोनिका श्रीवास्तव बताती हैं कि ऐसे हालात हैदराबाद में हो जाएंगे इसकी कल्पना भी नहीं की थी.भयानक बारिश की वजह से पूरा सिस्टम ही गड़बड़ हो गया है. वर्क फ्रॉम होम और बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस के लिए इंटरनेट एक बड़ी समस्या के रुप में सामने आया.इंटरनेट कनेक्शन कट जाने से जैसे जिंदगी ही थम गई हो.ऐसे हालात में रिपेयरिंग का काम करने वाले भी खुद को असहाय महसूस करने लगे हैं.इसके साथ ही कोरोना संकट के बीच ज्यादातर घरेलू सामान फल,सब्जी ऑनलाइन मंगवाते हैं लेकिन इन दिनों वो डिलेवरी भी समय पर नहीं हो पा रही.
बारिश की वजह से फल सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं.मोनिका का कहना है कि 17 साल हो गए हमें यहां रहते कभी जिंदगी इतनी बदतर हो जाएगी हमने कभी कल्पना नहीं की थी.पहली बार इस तरह के हालात का सामना कर रहे हैं.
कॉलोनियों में घुसा पानी
बालापुर में रहने वाली वंदना काकुमनी बताती हैं कि मीरपेट चेरुवु (POND) यानि तालाब पानी के बारिश से भर गया और पानी आसपास की कॉलोनी में पहुंच गया.जिसकी वजह से बिजली सप्लाई कट गई तो बिजली न रहने से पानी का संकट भी सामने आ गया.कई घरों में कीचड़ भर गया है,खाने पीने के सामान के साथ साथ घरेलू सामान भी पानी में डूब गए.वंदना की माने तो जीवन संकटमय हो गया है. न खाने पीने का सामान बचा न ही सोने के बिस्तर ऐसे हालात में लोग घर छोड़ कर कहां जाएं.अब हालात ये हो गए हैं बदबू की वजह से रहना मुश्किल हो गया है. वे लोग अपने कुछ बहुमूल्य सामान और थोड़े बहुत कपड़े और बच्चों के साथ सड़क पर पनाह लिए हैं. वंदना उस दिन को याद कर सिहर जाती हैं जब इनकी कॉलोनी की एक महिला को हार्ट अटैक आ गया लेकिन बाढ़ जैसे हालात होने की वजह से इलाके में ट्रासपोर्टेशन की व्यवस्था नहीं हो पाई और महिला की जान चली गई.
बालापुर कॉलोनी के लोग अब इस बारिश से सबक लेते हुए तालाब के किनारे करीब 9 फीट ऊंची दीवार खड़ी करना चाहते हैं ताकि पानी कॉलोनी के अंदर न घुस सके.
हजारों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर
प्रदेश के तमाम इलाकों में कमोबेश यही हालातहैं.राज्य सरकार को निचले इलाकों में रहनेवाले 40 हजार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में भेजना पड़ा. हैदराबाद में लगातार हो रही भारी बारिश मुसीबत बढ़ा ही रही है,अभी भी बारिश का संकट टला नहीं है.भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD ) की ओर भारी बारिश की चेतावनी के बाद उन्होंने निचले क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों से अपील की है कि वे या तो सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.
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