नई दिल्लीः रूस की राजधानी मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में तैनात IBSA सतेंद्र को रविवार 4 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया है. सतेंद्र पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भारतीय सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारियों को साझा करने का आरोप है. रिपोर्ट्स की मानें, तो सतेंद्र मॉस्को में मौजूद तो भारत के लिए था लेकिन वो काम पाकिस्तानी एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (ISI) के लिए कर रहा था.
फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर की दोस्ती
बहरहाल, यह रही सतेंद्र पर लगे जासूसी के आरोप लेकिन सतेंद्र इस जाल में कैसे फंसा इसके पीछे की कहानी काफी फिल्मी और हैरान कर देने वाली है. मामले में अब तक हुए खुलासे के अनुसार सतेंद्र फेसबुक पर एक महिला की संपर्क में आया. यह महिला ISI की एजेंट थी. फेसबुक पर पूजा नाम से उसकी फर्जी आईडी थी. धीरे-धीरे दोनों के बीच मैसेंजर के जरिए बातें होने लगी. फिर दोनों के बीच व्हाट्सऐप पर भी बातें होने लगी.
ISI एजेंट ने खुद को बताया रिसर्चर
इस दौरान ISI एजेंट महिला ने खुद को रिसर्चर बताया और अपनी रिसर्च के बहाने के वह सतेंद्र को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर खुफिया जानकारी निकलवाने लगी. साथ ही हनी ट्रैप में भी फंसा लिया. इसके बाद सतेंद्र ISI एजेंट महिला के इशारों पर नाचने लगा और अपने ही देश के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम देने लगा. और तो और सतेंद्र पर आरोप हैं कि उसने पैसे की झांसे में आकर टॉप सीक्रेट जानकारियां भी पाकिस्तानी एजेंट के साथ साझा की हैं.
2021 में मॉस्को गया था सतेंद्र
सतेंद्र को साल 2021 में मॉस्को में भारतीय दूतावास में IBSA के पर पर नियुक्त किया गया था. जब गतिविधियों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक हुआ तो सतेंद्र पर सर्विलांस शुरू की गई. इसके बाद यूपी एटीएस को जो जानकारी मिली, उससे एजेंसी हतप्रभ रह गई. बिना देर किए सतेंद्र को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है. सतेंद्र पर IPC की धारा 121A और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 के तरह मुकदमा दर्ज किया गया है. गिरफ्तारी के बाद उसे लखनऊ लाया गया है, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच सतेंद्र से पूछताछ की जा रही है.
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