जम्मू में ड्रोन से हुए हमले का मुद्दा भारत ने यूएन में उठाया, कही ये बड़ी बात

आतंकवादियों द्वारा देश के महत्त्वपूर्ण संस्थापनों पर हमला करने के लिए ड्रोनों का प्रयोग करने की पहली घटना है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 29, 2021, 01:27 PM IST
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  • सीमाओं पर सेना ने बढ़ाई है अपनी मुस्तैदी
जम्मू में ड्रोन से हुए हमले का मुद्दा भारत ने यूएन में उठाया, कही ये बड़ी बात

संयुक्त राष्ट्रः सामरिक और व्यावसायिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियारों के रूप में ड्रोनों के प्रयोग की आशंका पर वैश्विक समुदाय को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. भारत ने जम्मू हवाईअड्डे पर विस्फोटकों से भरे दो ड्रोनों के भारतीय वायुसेना (आईएएफ) स्टेशन में दुर्घटनाग्रस्त होने के दो दिन बाद संयक्त राष्ट्र महासभा में यह बात कही. भारतीय वायुसेना अड्डे पर हुआ हमला संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा देश के महत्त्वपूर्ण संस्थापनों पर हमला करने के लिए ड्रोनों का प्रयोग करने की पहली घटना है.

भारत ने उठाया मुद्दा
भारत के गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वी एस के कौमुदी ने कहा, “आज, आतंकवादी दुष्प्रचार, कैडर को कट्टरपंथी बनाने एवं भर्ती करने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग, आंतकवाद के लिए धन मुहैया कराने के लिए क्राउडफंडिंग (इंटरनेट मुहिम) मंचों और भुगतान के नये तरीकों के दुरुपयोग कर रहे हैं और आतंकवाद को रोकने के लिए किन नये प्रतिमानों का प्रयोग किया जाएगा, वे इन्हीं आधारों पर तय होंगे. उन्होंने कहा, “मौजूदा चिंताओं’’ में “एक और जुड़ी चिंता” ड्रोनों का इस्तेमाल है.

कौमुदी ने महासभा में सदस्य राष्ट्रों की आतंकवादी रोधी एजेंसियों के प्रमुखों के दूसरे उच्च स्तरीय सम्मेलन में कहा, “किफायती एवं आसानी से उपलब्ध विकल्प होने की वजह से भयावह उद्देश्यों जैसे खुफिया जानकारी जुटाने, हथियारों या विस्फोटकों को पहुंचाने और लक्षित हमलों के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा इन हवाई/उप सतही मंचों का प्रयोग दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए आसन्न खतरा एवं चुनौती बन गया है.

कोरोना के चलते इंटरनेट का प्रभाव बढ़ा
कौमुदी ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसके कारण एकांत में रहने पर मजबूर होने ने लोगों पर इंटरनेट के प्रभाव को और बढ़ा दिया है जिससे वे आतंकवादी संगठनों द्वारा कट्टर बनाए जाने और भर्ती किए जाने के प्रति संवेदनशील बनाता है.उन्होंने कहा कि “सम्मोहित करने वाले वीडियो गेम’ के जरिए आतंकवादी दुष्प्रचार फैलाना आतंकवादियों द्वारा वैश्विक महामारी के दौरान अपनाई गई एक और रणनीति है.

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इंटरनेशनल सपोर्ट का किया अनुरोध
उन्होंने इसके लिए बिना किसी बहाने एवं अपवाद के अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से सामूहिक कार्रवाई करने का आह्वान किया और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जो देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं उनका नाम उजागर किया जाए एवं उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए.भारत ने आतंकवाद रोधी एवं सुरक्षा संबंधी व्यापक ढांचा सामने रखने के अलावा साइबर क्षेत्र में कई उपाय किए हैं जो कट्टरता को रोकने एवं कट्टरता को समाप्त करने की रणनीतियों को शामिल करते हुए बनाए गए हैं.

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