नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि 2024 के अंत तक देश का सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर करने की पूरी कोशिश रहेगी. गडकरी ने कहा, 'हम हिंदुस्तान के राजमार्ग को अमेरिका के बराबर करने की कोशिश करेंगे.'
अमेरिका की बराबरी करेगी भारत की सड़कें
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत का सपना और विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय मानक की आधारभूत संरचना बनाने जो लक्ष्य उन्होंने हमारे सामने रखा था, उस संदर्भ में हमारा विश्वास है कि उनके मार्गदर्शन में 2024 समाप्त होने के पहले हम हिन्दुस्तान का सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर करने की पूरी कोशिश करेंगे.'
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के पहले चरण के लोकार्पण उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'यह राजमार्ग पिछड़े हुये क्षेत्र से जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह सपना था कि जो जिले सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक रूप से पिछडे़ हुए हैं, उनके विकास को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.'
नितिन गडकरी ने गिनाई इस एक्सप्रेसवे की खासियत
गडकरी ने कहा कि उन्होंने करीब 500 ब्लाक चिन्हित किये हैं जो सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछडे हुए हैं, ऐसे में उन क्षेत्रों के लिये यह ग्रोथ इंजन बनने वाला राजमार्ग है. उन्होंने कहा कि जयपुर और दिल्ली के बीच में एक केबिल डालकर इलेक्ट्रिक ट्रक और इलेक्ट्रिक बसें भी इस राजमार्ग पर चल सकेगी.
उन्होंने कहा, 'हम 670 ‘रोड साईड’ सुविधाएं भी बना रहे हैं और जिस राज्य से होकर यह राजमार्ग गुजरेगा उसका ‘हैंडलूम’ , ‘हैंडीक्राफ्ट’, वहां का खानपान होगा.'
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया. दौसा में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने 18,100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण रिमोट दबाकर किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे.
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड 247 किलोमीटर लंबा है, जिसे 12,173 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है. इस खंड के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर का यात्रा समय पांच घंटे से घटकर लगभग साढ़े तीन घंटे रह जायेगा. इस दौरान प्रधानमंत्री 247 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी जिन्हें 5940 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाना है.
इन परियोजनाओं में 2000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाला बांदीकुई से जयपुर का 67 किमी लंबा चार लेन वाला शाखा-मार्ग, लगभग 3775 करोड़ रुपये से विकसित होने वाला कोटपूतली से बाराओदानियो और लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले लालसोट-करौली खंड के दो लेन वाले पक्के किनारे (पेव्ड शोल्डर) शामिल हैं.
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