Brahmos Missile: क्या है ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड, रेंज व अन्य खासियत, जिसका नेवी ने किया सफल प्रक्षेपण

Brahmos Missile: भारतीय नौसेना ने रविवार को अरब सागर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक प्रक्षेपास्त्र के पोत से प्रक्षेपित किए जाने वाले संस्करण का सफल परीक्षण किया. अधिकारियों ने बताया कि जिस प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया गया उसमें स्वदेशी 'सीकर एंड बूस्टर' लगे थे. 

Written by - Lalit Mohan Belwal | Last Updated : Mar 6, 2023, 08:16 AM IST
  • जानिए ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में
  • ब्रह्मोस मिसाइल की ये है खासियत
Brahmos Missile: क्या है ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड, रेंज व अन्य खासियत, जिसका नेवी ने किया सफल प्रक्षेपण

नई दिल्लीः Brahmos Missile: भारतीय नौसेना ने रविवार को अरब सागर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक प्रक्षेपास्त्र के पोत से प्रक्षेपित किए जाने वाले संस्करण का सफल परीक्षण किया. अधिकारियों ने बताया कि जिस प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण किया गया उसमें स्वदेशी 'सीकर एंड बूस्टर' लगे थे. 

मिसाइल ने अरब सागर में लक्ष्य को भेदा
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, 'भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ की ओर से डिजाइन किए गए स्वदेशी ‘सीकर और बूस्टर’ के साथ पोत से प्रक्षेपित किए गए ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र ने अरब सागर में स्थित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया, जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता मजबूत हुई है.' 

 

जानिए ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में
भारतीय-रूसी संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है, जिसे पनडुब्बियों, पोत, विमानों या भूमि स्थित मंचों से प्रक्षेपित किया जा सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की ब्रह्मपुत्र नदी व रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर ब्रह्मोस मिसाइल का नाम रखा गया है. यह दो चरणों वाली मिसाइल है, जिसमें पहले चरण में ठोस प्रणोदक इंजन व दूसरे चरण में तरल रैमजेट है.

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत क्या है
रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुनी रफ्तार से लक्ष्य की तरफ जाती है. यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है. इस मिसाइल को जमीन, हवा या पानी से लॉन्च किया जा सकता है. यह खराब मौसम में भी दिन-रात के समय काम कर सकती है. इस मिसाइल की एक खूबी यह भी है कि इसे लॉन्च करने के बाद गाइड करने की जरूरत नहीं होती है. ये मिसाइल फायर एंड फॉरगेट यानी दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर काम करती है.

बता दें कि सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के पोत रोधी संस्करण का पिछले साल अप्रैल में भारतीय नौसेना तथा अंडमान और निकोबार कमान की ओर से संयुक्त रूप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.

(भाषा के इनपुट के साथ)

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