धर्म परिवर्तन की इंटरनेशनल साजिश: ISI, IDF और PFI के हाथ में धर्मांतरण गैंग का रिमोट?

यूपी धर्म परिवर्तन रैकेट में एक के बाद एक कई नए खुलासे हो रहे हैं. एटीएस की पूछताछ में अब जो खुलासा हुआ है वो देश के खिलाफ बहुत बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश से पर्दा उठाता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 25, 2021, 07:25 PM IST
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  • इंडोनेशिया में धर्मांतरण गैंग का रिमोट?
धर्म परिवर्तन की इंटरनेशनल साजिश: ISI, IDF और PFI के हाथ में धर्मांतरण गैंग का रिमोट?

नई दिल्ली: यूपी के धर्मांतरण मामले में मुख्य आरोपी उमर गौतम के शिकंजे में आने के बाद से लगातार हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं. अब यूपी एटीएस की पूछताछ में एक और खुलासा हुआ है कि इस धर्म परिवर्तन के रैकेट को निर्देश इस्लामिक डिफेंडर्स फ्रंट (आईडीएफ) नाम के इंडोनेशियाई संगठन से मिलते थे. चौंकाने वाली बात ये है कि आईडीएफ खुद इंडोनेशिया में प्रतिबंधित है.

उमर के खाते में आए विदेशों से पैसे

धर्मांतरण केस में यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने बताया कि उमर गौतम के खाते में विदेशों से भी पैसे आए. खातों की जांच कराई जा रही है.

यूपी धर्मांतरण में ISI और PFI कनेक्शन

सूत्रों के अनुसार धर्मांतरण मामले में PFI का कनेक्शन सामने आया है. ISI के इशारे पर कानपुर के 5 मौलानाओं ने धर्मांतरण कराया. इन्हीं मौलानाओं के इशारे पर CAA विरोधी दंगे भी हुए. सभी पांचों मौलाना PFI से जुड़े हैं.

ATS की नजर कानपुर के 5 मौलानाओं पर है. शक है कि ये सभी पाकिस्तानी एजेंसी ISI के इशारे पर यूपी के अलग-अलग जिलों में हिंदुओं का धर्मांतरण कराते थे. इन्हीं मौलानाओं पर CAA और NRC के विरोध प्रदर्शन के दौरान कानपुर के बाबूपुरवा में दंगा कराने का भी आरोप है.

सूत्रों के मुताबिक उमर गौतम ने माना है कि धर्मांतरण के लिए कई जगहों से फंडिंग होती थी. बहुत लोग हैं जो धर्मांतरण लिए फंडिंग करते हैं. धर्मांतरण के लिए गरीब परिवार को टारगेट किया जाता था. बच्चों को पहले अच्छी सुविधा और देखभाल का लालच देते थे. बच्चों के जरिए उनके परिवार से जुड़कर एक चेन बनाया जाता था. पैसे की लालच में आकर लोग उमर जैसे लोगों की बातों में आ जाते और धर्म परिवर्तन को तैयार हो जाते थे

धर्मांतरण पर पूछताछ में 10 बड़े खुलासे 

ATS का सवाल: धर्म परिवर्तन के लिए क्या कराते थे?
उमर गौतम का जवाब: लोकल मस्जिद इंतजाम करती थी, नमाज और कलमा पढ़ाना सिखाती थी

ATS का सवाल: पढ़े-लिखे का धर्मांतरण कैसे कराते थे? 
उमर गौतम का जवाब: इस्लाम कबूल करवाकर एफिडेविट बनवाया जाता था और पेपर में विज्ञापन दिया जाता था

ATS का सवाल: पढ़े-लिखों का धर्मांतरण करवाने का क्या फायदा होता है?
उमर गौतम का जवाब: पेपर में इस बारे में पढ़कर लोगों की जिज्ञाता बढ़ती है और इस्लाम के प्रति रुझान बढ़ता है

ATS का सवाल: इस्लाम कबूलने की बातें लीक क्यों नहीं होती हैं? 
उमर गौतम का जवाब: इस्लाम स्वीकार करने पर अब पहले की तरह मस्जिद में ऐलान नहीं करवाया जाता

ATS का सवाल: इस्लाम जबरन कबूल करवाया जाता है या मर्जी से? 
उमर गौतम का जवाब: आस्था में बदलाव के बाद स्वेच्छा से होने वाला धर्मांतरण हमारा पहला मकसद होता है

ATS का सवाल: धर्म परिवर्तन कराने से पहले क्या माहौल पैदा करते हो? 
उमर गौतम का जवाब: दिव्यांगों को इशारों से समझाकर खूब देखभाल की जाती है...पढ़े-लिखों को किताबें दी जाती हैं, लेक्चर सुनाए जाते हैं

ATS का सवाल: धर्मांतरण के लिए पहला टारगेट कौन होता है? 
उमर गौतम का जवाब: ऐसे लोग जो विरोध नहीं कर सकते, जैसे- मूक, बधिर, दिव्यांग, गरीब...नेटवर्क के जरिए हम इनकी लिस्ट बनाकर रखते हैं 

ATS का सवाल: क्या मदरसे भी धर्मांतरण में शामिल होते हैं?
उमर गौतम का जवाब: धर्मांतरण से संस्थाओं को जोड़ा जाता है (मदरसों पर जवाब नहीं दिया)

ATS का सवाल: क्या धर्मांतरण के लिए लोग आसानी से मान जाते हैं? 
उमर गौतम का जवाब: छात्रों को फ्री शिक्षा, खाने-रहने का इंतजाम करते हैं...जिन्हें ऐसी सुविधाएं नहीं मिली हैं वो हमसे जुड़ते चले जाते हैं

ATS का सवाल: धर्मांतरण के लिए फंडिंग कैसे आती है? 
उमर गौतम का जवाब: नेक काम के लिए हमारे जैसे बहुत लोग है जो मदद कर देते हैं

यूपी के डिप्टी सीएम ने क्या कहा?

वहीं ZEE हिन्दुस्तान से यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा है कि धर्मांतरण के खेल में देशी और विदेशी शक्तियां लगी है. धर्मांतरण का खतरनाक खेल देश के अंदर और प्रदेश के अंदर खेला जा रहा है. देशी-विदेशी फंडिंग को लेकर जांच हो रही है. किसी तरह भी कोई बच नहीं सकता. हर मामले की जांच हो रही है.

उमर को लेकर एक और बड़ा खुलासा

उमर गौतम को लेकर एक और बड़ा खुलासा सामने आया है. उसने अपनी पत्नी राजेश्वरी का भी धर्म परिवर्तन करवा दिया था. राजेश्वरी का नाम बदलकर रजिया कर दिया.

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खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि धर्मांतरण के लिए फंडिंग का एक हिस्सा आतंकवादी हाफिज सईद के NGO फलाह ए इंसानियत के जरिये भी भारत पहुंचा. हाफिज के एनजीओ को भी खाड़ी देशों से पैसा मिलता है.

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