Ram Mandir पर ISIS की धमकी: अब मत कहिएगा कि आतंक का मजहब नहीं होता

अयोध्या पर देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का काम शुरु हो चुका है. लेकिन देश के अंदर कट्टरपंथियों की जमात दंगा भड़काने की कोशिश कर रही है. अब उनका साथ देने के लिए बदनाम अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन ISIS भी आ गया है.   

Written by - Rakesh Pathak | Last Updated : Oct 21, 2020, 07:48 AM IST
    • राम मंदिर मुद्दे पर ISIS की धमकी का विश्लेषण
    • क्या आतंक के मजहब का खुलासा हो गया है?
Ram Mandir पर ISIS की धमकी: अब मत कहिएगा कि आतंक का मजहब नहीं होता

नई दिल्ली: ISIS के आतंकियों का अगला निशाना भारत होने का आशंका है. इस खूंखार आतंकी संगठन की एक मैगज़ीन में कथित बाबरी ढांचे का बदला लेने और इस मामले में अदालत से बरी हुए लोगों को निशाना बनाए जाने की धमकी दी गई है. जाहिर सी बात है कि राम मंदिर के बहाने ISIS देश में अपना खूनी खेल खेलने की फिराक में है. सवाल ये है कि क्या उन्हें देश के अंदर बैठे कट्टरपंथियों का भी समर्थन हासिल है ? 

मासूमों की गर्दने उतारने वाले इस्लामी नरपिशाच
दुनिया ने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की धर्मांधता और बर्बरता दोनों देखी है. ये वो हैवान हैं जो इस्लाम के नाम पर सिर्फ खून बहाते हैं. इस्लामिक स्टेट के नर पिशाच जिनके माथे पर इनके काले झंडे जैसा ही कलंक है इंसानों के खिलाफ जंग छेड़ने का. गैर मुस्लिमों के बच्चों महिलाओं और पुरुषों की गर्दनें उतारने का. उन्हें इस्लाम के नाम पर बर्बर तरीके से मार देने का. ये वो इस्लामिक दरिंदे हैं जिन्होंने मासूमों का इस्तेमाल अपनी धर्मांधता और जाहिलियत के लिए जेहाद का ज़हर भरकर किया. अब इन इस्लामिक नरपिशाचों की एक टोली ने बाबरी मुद्दे को लेकर भारत को धमकी दी है.

इस्लामिक आतंकियों की मैगज़ीन में छपी धमकी
ISIS की मैगज़ीन में बाबरी मस्जिद मामले पर बदला लेने की धमकी दी गई है. आईएस की मैगज़ीन का टाइटिल The Voice of Hind है. मैगज़ीन में धार्मिक भावनाओं को भड़काते हुए हथियार उठाने और जेहाद छेड़ने की बात कही गई है. ये भी कहा गया है कि बाबरी मस्जिद मामले में रिहा हुए लोगों पर नज़र है. ये मैगज़ीन ISIS के सभी कैडर में पहुंचाई गई है. मैगज़ीन पहुंचाने में डार्क वेब और खुफिया टेलिग्राम चैनल्स का इस्तेमाल किया गया है. इतना ही नहीं मैगज़ीन ने भारतीय मुसलमानों से अदालतों के फैसले नहीं मानने की अपील की है. देश की सुरक्षा एजेंसियों की नज़र इस मैगज़ीन पर है.

देश के अंदर दंगा भड़काने की साजिश 
भारत के भीतर का माहौल बिगाड़ने की साजिश CAA और कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से रची जा रही है. हर मुद्दे को इस्लामिक कट्टरपंथियों और सियासी जमातों ने धर्म से जोड़ कर मुस्लिमों को उकसाने की है. इसमें कश्मीर से धारा 370 हटाया जाना, राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, नागरिकता संशोधन कानून में संशोधन, मुस्लिम महिलाओं के 3 तलाक जैसे मुद्दा है. जिसको आगे करके इस्लामिक कट्टरपंथी इदारों में अल्पसंख्यक आबादी को ये कह कर धोखा दिया जा रहा है कि इस्लाम खतरे में है.

ISIS की धमकी से आतंक के मजहब का हुआ खुलासा
खास बात ये है जैसे ही आप इस्लामिक आतंकी संगठनों को उनकी खूनी तकरीरों और करतूतों के लिए लानते भेजते हैं. जो कथित लिबरल हैं वो यही दलील देते हैं. लेकिन आईएस के इस्लामिक हत्यारे आपका धर्म पूछ कर ही आपको कत्ल करते हैं. पूछिए उन शियाओं (सुन्नी जिन्हें मुस्लिम नहीं मानते)  से, यजीदियों से और गैर मुस्लिमों से जिनके बच्चे-महिलाएं सिर्फ इसलिए बर्बर तरीके से मार दिए गए क्योंकि वो मुस्लिम न थे. जाहिलियत और नफरत से भरे धर्मांधों की इससे बड़ी तस्वीर और क्या होगी? तो सच ये है कि अगर वाकई इस्लाम का भला चाहते हैं. तो कट्टर मौलानाओं को इस वक्त राम मंदिर, तीन तलाक और सीएए जैसे मुद्दों पर गला फाड़ने और ज़हर उगलने के बजाए इस्लामिक आतंकियों के खिलाफ मुहिए छेड़नी चाहिए. क्योंकि इस्लाम को खतरे में डालना वाले ये इस्लामिक नरपिशाच हैं. जो सिर कलम करने की शरई पाशविकता से भरे हुए हैं.

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