नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने हनुमान जयंती के पर्व पर निकाली गयी शोभायात्रा के आयोजकों के खिलाफ सोमवार को एक प्राथमिकी दर्ज की. शनिवार को निकाली गई इस शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा फैल गयी थी. क्षेत्र पर कड़ी निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है और पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के अशांत उत्तर-पश्चिम इलाके में सड़कों पर गश्त की.
साम्प्रदायिक झड़प को लेकर राजनीतिक दलों के निशाने पर आये दिल्ली पुलिस के आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसक झड़पों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी वर्ग, पंथ या धर्म के हों.
आठ पुलिसकर्मियों समेत नौ लोग घायल
दिल्ली पुलिस ने झड़पों के दो दिन बाद स्वीकार किया कि हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित तीसरी हनुमान जयंती शोभायात्रा को प्रशासनिक अनुमति नहीं दी गई थी. पुलिस ने सोनू नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया जिसने कथित तौर पर पुलिस पर गोलियां चलाई थीं.
हिंसा की घटना में आठ पुलिसकर्मियों और एक नागरिक सहित नौ लोग घायल हो गए थे. इस मामले में अभी तक कुल 25 लोगों को पकड़ा गया है. इनमें दो किशोर भी शामिल हैं. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी एवं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक स्थानीय नेता प्रेम शर्मा से पूछताछ की और बाद में उसे छोड़ दिया.
आरोपियों की पहचान में जुटी पुलिस
पुलिस के अनुसार, वह 200 से अधिक वीडियो की पड़ताल कर रहे हैं ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जो हिंसा के पीछे थे. अस्थाना ने कहा कि 16 अप्रैल की झड़पों की जांच के लिए 14 टीमों का गठन किया गया है.
अस्थाना ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान एक मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा लगाने के कथित प्रयासों के दावों का खंडन किया. पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा कि बिना अनुमति के जुलूस निकालने के लिए आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उन्होंने कहा कि एक आरोपी जांच में शामिल हुआ है. उन्होंने कहा कि दिन में पहले निकाली गई दो ऐसी "हनुमान यात्रा" को आवश्यक प्रशासनिक अनुमति थी. इससे पहले उन्होंने दिन में कहा था कि उत्तर पश्चिम दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बिना अनुमति के धार्मिक शोभायात्रा निकालने पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के सदस्यों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है.
विहिप ने दी पुलिस को धमकी
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा था कि विश्व हिंदू परिषद के एक स्थानीय नेता प्रेम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि इस बयान को बाद में वापस ले लिया गया. पुलिस द्वारा जारी संशोधित बयान में विहिप और बजरंग दल का भी नाम नहीं है.
इस बीच विहिप ने सोमवार को धमकी दी कि अगर जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती शोभयात्रा के दौरान हुई हिंसा के संबंध में उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की गयी तो वह दिल्ली पुलिस के खिलाफ ‘‘आंदोलन’’ करेगा.
विहिप का यह बयान तब आया जब पुलिस ने कहा कि उसने आयोजकों के खिलाफ बिना अनुमति के शोभायात्रा निकालने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की है और स्थानीय विहिप नेता प्रेम शर्मा को गिरफ्तार किया है.
विहिप ने पुलिस के दावे को बताया बेतुका
पुलिस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ‘‘हमें पता चला है कि विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और एक कार्यकर्ता को भी गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने भारी गलती की है.’’
उन्होंने पुलिस के इस दावे को 'बेतुका' बताते हुए खारिज कर दिया कि आयोजकों ने बिना अनुमति के शोभायात्रा निकाली और कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस ‘इस्लामिक जिहादियों ’ के आगे झुक गई है. इसबीच एक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में 500 से अधिक पुलिसकर्मी और अतिरिक्त बलों की छह कंपनियां तैनात हैं.
अधिकारी ने बताया कि कुल 80 आंसू गैस दल और पानी की बौछार करने वाले दलों को तैनात किया गया है. संवेदनशील इलाकों में छतों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं.
मस्जिद पर भगवा झंडे को लेकर दिल्ली पुलिस का बयान
अस्थाना ने इन दावों का खंडन किया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान एक मस्जिद पर भगवा झंडे लगाने का प्रयास किया गया था. कई नेताओं और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने जहांगीरपुरी में एक स्थानीय मस्जिद पर झंडा लगाने की कोशिश की, जिसके बाद पथराव और हिंसा हुई. भाजपा के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़ा है, अस्थाना ने टिप्पणी करने से इनकार किया और कहा कि एक अपराधी अपराधी होता है और पुलिस सबूतों के आधार पर चलती है.
दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी इलाके में झड़प के दौरान गोलीबारी करने वाले 28 वर्षीय सोनू उर्फ इमाम उर्फ यूनुस को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान जहांगीरपुरी के सी-ब्लॉक निवासी सोनू उर्फ इमाम उर्फ यूनुस के रूप में हुई है.
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा, ‘‘रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा था, जिसमें जहांगीरपुरी में दंगों के दौरान नीली शर्ट पहने एक व्यक्ति गोलियां चलाते हुए दिखा था. उसे उत्तर-पश्चिम जिले के विशेष कर्मचारियों ने पकड़ लिया है.’’
बीजेपी का आरोप आप से जुड़ा है अंसाल
इससे पहले दिन में, सोनू के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर एक पुलिस टीम पर हमला किया, जो उनसे पूछताछ करने गई थी. दिल्ली भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि मामले का मुख्य आरोपी 'मोहम्मद अंसार' आम आदमी पार्टी से जुड़ा है. आप प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने अंसार को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की.
वहीं आप नेता एवं दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उसे (अंसार) भाजपा से जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि भगवा पार्टी अंदर की कहानी जानती है.’’ आम आदमी पार्टी ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को "कड़ी सजा" दी जानी चाहिए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए.
माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात और पार्टी की दिल्ली प्रदेश समिति के सचिव के एम तिवारी ने आरोप लगाया है कि हनुमान जयंती शोभायात्रा "तलवारों, लाठियों और आग्नेयास्त्रों" से लैस थी. हनुमान जयंती पर निकाली गयी शोभायात्रा के दौरान शनिवार को जहांगीरपुरी में दो समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई थी जिसमें एक आम नागरिक और आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
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