अनुच्छेद 370 के बाद अब 'आतंक के खात्मे' की राह पर जम्मू-कश्मीर

5 अगस्त, 2019 को ही ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे का ऐलान किया गया था. लेकिन अब खुद घाटी के युवाओं की आतंक के खिलाफ ललकार सुनाई देने लगी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 9, 2019, 01:08 AM IST
    1. जम्मू कश्मीर से अब होगा आतंक का सर्वनाश
    2. भारतीय सेना में शामिल हुए 404 युवा
    3. युवाओं ने आतंक के खात्मे की शपथ ली
अनुच्छेद 370 के बाद अब 'आतंक के खात्मे' की राह पर जम्मू-कश्मीर

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर आतंकवाद से मुक्ति की ओर है. जब से जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा है, तब से वहां पर आतंकवाद में कमी आई है. घाटी के युवा अब आतंकी संगठनों के बहकावे में नहीं आते हैं. अब वो देश सेवा के लिए आगे आते हैं.

देश की सेवा के लिए युवा जज्बा

जम्मू कश्मीर के अलग-अलग इलाकों के 404 युवा शनिवार को भारतीय सेना में शामिल हुए. देश सेवा का जज्बा लिए जम्मू कश्मीर के युवाओं ने आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी शपथ ली. आतंकियों का दिल दहलाने को तैयार जम्मू कश्मीर के युवाओं ने आतंक के खात्मे की शपथ ली.

जम्मू कश्मीर के 404 युवाओं ने भारतीय सेना में शामिल होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए सबसे बड़ी शपथ ली है. जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर लाइट इंफेंट्री में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. जम्मू कश्मीर के अलग-अलग इलाकों के 404 युवाओं ने 9 महीनों की कठिन ट्रेनिंग के बाद आज भारतीय सेना में शामिल हो गए.

ठिठुरती ठंड में भी दिखा जवानों का जोश

आर्मी की 15कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल केजीएस ढिल्लो ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली और भारतीय सेना के जवानों को संबोधित किया. परेड के बाद सभी जवानों को देश सेवा की शपथ दिलाई गई. कड़ाके की ठण्ड के बावजूद इन युवाओं में पूरा जोश दिख रहा था. हर किसी के चेहरे पर देश सेवा के लिए सेना में शामिल होने की खुशी झलक रही थी.

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद फैलाने की साजिश रचने वालों को जम्मू कश्मीर के इन युवाओं के बयान किसी तीर जैसे चुभ रहे होंगे.

पिता की खुशी का ठिकाना नहीं

जम्मू कश्मीर के युवा देश के लिए मर मिटने को तैयार हैं. अपने बेटों को भारतीय सेना में शामिल होता देखकर परिवार वाले भी बेहद खुश नजर आए. अपने बेटे, अपने भाई को देश सेवा का मौका मिलने पर परिवारवालों की खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी.

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इनमें एक पिता तो खुद भी फौज में रहे हैं. अब अपने बेटे को भी देश सेवा के लिए लगा दिया. हर सेना के जवान का सबसे बड़ा सपना यही होता है कि वो अपने बच्चों को अपनी ही तरह वर्दी पहना देख पाए. ऐसा कम ही संभव हो पाता है. इन 404 युवाओं ने कश्मीर के इन युवाओं को नई राह दिखाने की कोशिश की है, जो भटक कर आतंकवाद के रास्ते पर चले गए है.

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