नई दिल्ली: जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है. इस मामले में आइशी घोष के खिलाफ FIR दर्ज की गई तो गीतकार जावेद अख्तर को मिर्ची लग गई. JNU हिंसा को लेकर देशभर में राजनीति तेज होती जा रही है.
जावेद अख्तर का छलका दर्द
JNU छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष के खिलाफ 2 FIR दर्ज होने की से गीतकार जावेद अख़्तर खासे नाराज है. उन्होंने तंज भरे लहजे में एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होने लिखा है कि JNUSU अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज हुई. ये पूरी तरह समझ में आ रहा है. आइशी घोष ने राष्ट्रवादी, देशप्रेमी लोहे का रॉड सिर से रोकने की कोशिश क्यों की?
The FIR against the president of JNUSU is totally understandable . How dare she stop a nationalist , desh Premi iron rod with her head . These anti nationals don’t even let our poor goons swing a lathi properly . They always put their bodies there . I know they love to get hurt .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 7, 2020
JNU में हिंसा को लेकर वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि 5 जनवरी की घटना दुखद है. वीसी ने कहा कि हालात इतने विस्फोटक हो गए थे कि पुलिस के आने के बाद ही हालात काबू में आ सके. VC ने ये भी कहा कि JNU हर विवाद का हल बातचीत से निकालना जानता है.
पुलिस की जांच जारी
JNU हिंसा मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है हालांकि दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. JNU हिंसा के जिम्मेदार नकाबपोशों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस पूरी कोशिश कर रही है. इस मामले की जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम JNU पहुंची. पुलिस वहां पर नकाबपोशों को पहचानने के लिए FACE RECOGNITION तकनीक का इस्तेमाल कर रही है.
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छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष का नाम दिल्ली पुलिस की एक और FIR में आया है. 3 जनवरी को जेएनयू के सेंटर फॉर इनफॉर्मेशन सिस्टम यानि CIS में घुसकर सर्वर रूम को जबरन बंद किया गया था. इस मामले में पुलिस ने 5 जनवरी को FIR दर्ज की है. इन लोगों ने हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानते हुए. न सिर्फ सर्वर रूम बंद कर दिया था, बल्कि एडमिन ब्लॉक में धरने पर बैठ गए थे.