भोपाल: कर्नाटक की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी भाजपा की कूटनीति के आगे कमलनाथ सरकार इतने जटिल राजनीतिक संकट में फंसी है कि उसे उबारने वाला फिलहाल कोई नहीं है. इस बीच कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा देने का ऐलान भी कर दिया है. भाजपा के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के कुल 15 विधायक इस्तीफा देने की तैयारी में हैं. जिस तरीके से कर्नाटक में कांग्रेस के बागियों ने कांग्रेस की नैया डुबो दी थी, ठीक वैसे ही मध्यप्रदेश में उसके बागी विधायक लामबंद हो रहे हैं.
Madhya Pradesh Congress MLA Hardeep Singh Dang has tendered his resignation from the post of Member of Legislative Assembly. (file pic) pic.twitter.com/sKqGi34YYX
— ANI (@ANI) March 5, 2020
नहीं मान रहे कांग्रेस के बागी
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा बागी विधायकों को मनाया जा रहा है. बताया जाता है कि गुरुग्राम के 5 स्टार होटल में जो विधायक ठहरे हुए हैं वे सभी भाजपा नेता नरोत्तम मिश्र के सम्पर्क में हैं, इनमें बिसाहूलाल, हरदीपसिंह डंग, बैजनाथ कुशवाहा, सुरेन्द्र सिंह शेरा, रामबाई और संजीव कुशवाहा शामिल हैं. वहीं चार अन्य कांग्रेसी विधायकों को बेंगलुरु में ठहराया गया है. राजनीतिक सरगर्मी के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह दिल्ली में मौजूद हैं और बागी विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
15 विधायकों ने उड़ाई कमलनाथ की नींद
मध्य प्रदेश में पथरिया से बसपा के रमाबाई, भिंड से संजीव कुशवाहा अनूपपुर सीट से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल, सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग, सुमावली से कांग्रेस विधायक ऐंदल सिंह कंसाना, मुरैना से कांग्रेस विधायक रघुराज कंसाना, दिमनी से कांग्रेस विधायक गिर्राज दंडोतिया, गोहद से कांग्रेस विधायक विधायक रणवीर जाटव कमलनाथ से नाराज हैं.
साथ ही सपा विधायक राजेश शुक्ला और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ऐसे नेता हैं, जिनकी वजह से कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं क्योंकि ये लोग अन्य विधायकों कोभी बगावत करने के लिये तैयार कर रहे हैं. ताजा जानकारी के अनुसार कुल 15 विधायक बगावत कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि ये सभी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं.
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जानिये क्या है विधानसभा का समीकरण
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो कुल 230 विधायकों की विधानसभा में से इस वक्त 228 विधायक हैं. दो सीट विधायकों की निधन के चलते खाली हैं. कांग्रेस के 114 विधायक, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो विधायक, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत 115 पर है. अगर भाजपा 8 विधायकों को भी तोड़ लेती है तो उसकी सरकार बन जाएगी और कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी. भाजपा का कहना है कि उसके सम्पर्क में लगभग 15 विधायक हैं जिनमें से एक विधायक ने इस्तीफा भी दे दिया है.
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