आधी रात को कमलनाथ को अपनी सरकार के अल्पमत में आने की खबर मिली

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा मध्यप्रदेश के फिलहाल के मुख्यमंत्री कमलनाथ को संदेश मिला कि आपको कल अपना बहुमत साबित करना होगा क्योंकि आपकी सरकार अल्पमत में आ गई है..  

Last Updated : Mar 15, 2020, 07:34 AM IST
    • आधी रात को कमलनाथ को अपनी सरकार के अल्पमत की खबर मिली
    • 16 मार्च को बहुमत सिद्ध करना होगा.
    • राज्यपाल ने दिया एक दिन का समय
    • राजभवन से प्राप्त हुआ पत्र
    • सुप्रीम कोर्ट जा सकती है कांग्रेस
आधी रात को कमलनाथ को अपनी सरकार के अल्पमत में आने की खबर मिली

नई दिल्ली. ये तो लिखा हुआ था विधि के विधान में और इसे टाला भी नहीं जा सकता था. मध्यप्रदेश के फिलहाल वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ की सराहना करनी होगी कि वे इतने दिन सरकार खींच लेने में कामयाब रहे. इसलिए अब जब आधी रात को उनको ये समाचार मिला है कि उनकी सरकार अल्पमत में है तो ये उनके लिए समाचार नहीं था क्योंकि उन्हें ये पता था. समाचार इस सन्देश का अगला हिस्सा था जिसमें उनसे कहा गया कि एक दिन बाद अर्थात 16 मार्च को उन्हें अपना बहुमत सिद्ध करना होगा.

 

राज्यपाल ने दिया एक दिन का समय 

सीएम कमलनाथ तो शायद मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के फ़ोन की प्रतीक्षा कर ही रहे होंगे. यद्यपि इस अंतिम निर्णय के पहले सोच विचार में राज्यपाल ने काफी समय लिया. आधी रात को मिले इस हृदय विदारक समाचार में राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा कमलनाथ को बताया गया कि ''मुझे प्रथम दृष्टया विश्वास हो गया है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अब अल्पमत में आ गई है. संवैधानिक रूप से यह एक गंभीर स्थिति है, इसलिए संवैधान प्रदत्त  प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को आप मेरे अभिभाषण के उपरान्त विधानसभा में विश्वासमत प्राप्त करें. 

राजभवन से प्राप्त हुआ पत्र 

पहले ही कांग्रेस के 22 विधायकों के अपनी पार्टी को तिलांजलि देने के बाद मध्यप्रदेश में सियासी सरगर्मी जोरों पर थी. अब जब आधी रात को पत्र के माध्यम से  मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा पटल पर अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के निर्देश दिए, तो यह सरगर्मी अब सोलह मार्च की दोपहर तक चरम पर ही रहने वाली है. 

सुप्रीम कोर्ट जा सकती है कांग्रेस 

आधी रात में ही कमलनाथ और उनके विश्वस्त कांग्रेसी सिपहसालारों द्वारा इस राजयपाल लालजी टंडन के निर्देश पर व्यक्त की गई प्रतिक्रिया की झलक सामने आ गई है. वैसे तो कमलनाथ को 16 मार्च तक का समय सदन में बहुमत साबित करने के लिए दिया गया लेकिन कांग्रेस का क्रोध असंतोष के रूप में सामने आ रहा है. सोचा जा रहा है कि राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जायेगी. 

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