नई दिल्लीः कर्नाटक मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अन्य पिछड़ी जातियों की 3ए और 3बी श्रेणी को खत्म करने और उनकी जगह नई शुरू की गई 2सी और 2डी श्रेणियों को लाने का फैसला किया. उच्च जाति के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग जैसे ब्राह्मण, वैश्य और जैन को नवगठित 2सी और 2डी श्रेणियों में समायोजित किया जाएगा.
दो प्रमुख समुदायों की ओर से हो रही थी मांग
यह निर्णय कर्नाटक के दो प्रमुख समुदायों - लिंगायत संप्रदाय के पंचमसालियों और वोक्कालिगाओं - की ओर से उन्हें 2ए श्रेणी में शामिल करने की मांग के बीच आया है, क्योंकि वहां बहुत से लोग घोर गरीबी में रह रहे थे.
संसदीय कार्य मंत्री ने दी ये जानकारी
राज्य कानून और संसदीय कार्य मंत्री जे.सी. मधुस्वामी ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी दी, 'हम केवल दो श्रेणियां बना रहे हैं - एक एससी/एसटी है और दूसरा 'दो' है. हम 2ए और 2बी में आरक्षण या इसमें लोगों की संख्या नहीं बदल रहे हैं, हम 2सी और 2डी बना रहे हैं.'
मंत्री ने बताया कि 2सी और 2डी उन लोगों को समायोजित किया जाएगा, जो 3ए और 3बी श्रेणियों में थे. मधुस्वामी ने कहा कि जो लोग 3ए में थे जैसे कि वोक्कालिगा और अन्य अब 2सी में होंगे और 3बी श्रेणी में शामिल लिंगायत और अन्य, 2डी श्रेणी में होंगे.
शिक्षा-रोजगार आरक्षण से नहीं की जाएगी छेड़छाड़
मंत्री ने बताया कि 2सी और 2डी श्रेणी के लोग 3ए और 3बी श्रेणियों के तहत दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठाते रहेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2ए और 2बी को छुआ नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि उनके शिक्षा, रोजगार या राजनीतिक आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.
उनके अनुसार, राज्य सरकार ने कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर 3ए और 3बी श्रेणियों को खत्म करने का फैसला किया.
(इनपुटः भाषा)
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