केरल में वामपंथी संगठन ने दिया लोगों को पोर्क खाने का चैलेंज, भड़के मौलाना

 ‘केरल जमीयत-उल कुतबा समिति’ के एक प्रमुख नेता नसर फैजी कुडाथई ने केरल में सत्तारूढ़ CPIM की युवा इकाई डीवाईएफआई के इस कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा कि वामपंथी संगठन ‘चैलेंज’ के नाम पर ईशनिंदा करने की कोशिश कर रहा है.'

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 18, 2024, 07:42 PM IST
  • केरल में वामपंथी संगठन का कार्यक्रम.
  • भड़के मुस्लिम मौलाना ने बताया ईशनिंदा.
केरल में वामपंथी संगठन ने दिया लोगों को पोर्क खाने का चैलेंज, भड़के मौलाना

कोच्चि. खान-पान का मामला व्यक्तिगत मसला है लेकिन केरल एक संगठन द्वारा दिए गए 'चैलेंज' की वजह से बवाल मचा हुआ है. दरअसल केरल में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI)  द्वारा 'पोर्क चैलेंज' (सुअर का मांस खाने की चुनौती) आयोजित किया गया था. अब इसे लेकर राज्य की एक प्रभावशाली मुस्लिम संस्था से जुड़े एक इस्लामी विद्वान ने रविवार को DYFI के कदम की आलोचना की है.

‘पोर्क चैलेंज’ का आयोजन
दरअसल DYFI ने हाल में वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद पुनर्वास प्रयासों में सरकार की मदद करने के लिए केरल में धन एकत्र करने के मद्देनजर आयोजित कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में ‘पोर्क चैलेंज’ का आयोजन किया था. DYFI 30 जुलाई को वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन के प्रभावित लोगों के पुनर्वास प्रयासों में मदद करने के लिए धन एकत्र करने के मद्देनजर आयोजित कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में राज्य भर में कई चुनौतियों और उत्सवों का आयोजन कर रहा है.

क्या बोले DYFI के सदस्य 
DYFI कोठमंगलम उत्तर स्थानीय समिति के सचिव रंजीत ने कहा कि 'पोर्क चैलेंज' सफल रहा और उन्होंने 375 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 517 किलोग्राम सूअर का मांस बेचा है. उन्होंने कहा-हम वायनाड में प्रभावित लोगों के लिए धन जुटाने के वास्ते कई चुनौतियों और उत्सवों का आयोजन कर रहे हैं. यहां सूअर का मांस बेचने के नाम पर किसी ने कोई समस्या नहीं खड़ी की. यहां सूअर के मांस का बहुत बड़ा बाजार है और हमने इन सभी कारकों पर विचार करने के बाद यह चुनौती देने का फैसला किया है. 

मुस्लिम मौलाना ने की आलोचना
अब इसे लेकर ‘केरल जमीयत-उल कुतबा समिति’ के एक प्रमुख नेता नसर फैजी कुडाथई ने केरल में सत्तारूढ़ CPIM की युवा इकाई डीवाईएफआई के इस कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा कि वामपंथी संगठन ‘चैलेंज’ के नाम पर ईशनिंदा करने की कोशिश कर रहा है.' कुडाथई ने शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि कई (भूस्खलन) प्रभावित लोग सूअर का मांस खाना वर्जित मानते हैं, लेकिन डीवाईएफआई इसे ऐसे लोगों को अपमानित करने के लिए एक चुनौती के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. 

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