भगवान जगन्नाथ का है कोहिनूर हीरा, ओडिशा के संगठन ने किया दावा

पुरी स्थित संगठन श्री जगन्नाथ सेना ने राष्ट्रपति को सौंपे एक ज्ञापन में मांग की कि वह कोहिनूर हीरा 12वीं सदी के मंदिर में वापस लाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हस्तक्षेप करें. श्री जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक ने एक ज्ञापन पत्र में कहा, ‘‘कोहिनूर हीरा श्री जगन्नाथ भगवान का है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 13, 2022, 11:21 AM IST
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भगवान जगन्नाथ का है कोहिनूर हीरा, ओडिशा के संगठन ने किया दावा

नई दिल्ली: ओडिशा के एक सामाजित संगठन ने यह दावा किया है कि दुनिया भर में मशहूर कोहिनूर हीरा भगवान जगन्नाथ का है. संगठन ने इसे ब्रिटेन से ऐतिहासिक पुरी मंदिर वापस लाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप करने की मांग की है. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद, उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स महाराजा बन गए हैं और नियमानुसार 105 कैरेट का हीरा उनकी पत्नी डचेस ऑफ कॉर्नवाल कैमिला के पास जाएगा.

जगन्नाथ सेना ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

पुरी स्थित संगठन श्री जगन्नाथ सेना ने राष्ट्रपति को सौंपे एक ज्ञापन में मांग की कि वह कोहिनूर हीरा 12वीं सदी के मंदिर में वापस लाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हस्तक्षेप करें. श्री जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक ने एक ज्ञापन पत्र में कहा, ‘‘कोहिनूर हीरा श्री जगन्नाथ भगवान का है. अब यह इंग्लैंड की महारानी के पास है. कृपया हमारे प्रधानमंत्री से इसे भारत लाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध करें ... क्योंकि महाराजा रणजीत सिंह ने इसे अपनी इच्छा से भगवान जगन्नाथ को दान कर दिया था."

महाराजा रणजीत सिंह ने भगवान जगन्नाथ को दान किया था कोहिनूर

पटनायक ने दावा किया कि पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने अफगानिस्तान के नादिर शाह के खिलाफ लड़ाई जीतने के बाद यह हीरा भगवान जगन्नाथ को दान कर दिया था. इतिहासकार और शोधकर्ता अनिल धीर ने मीडिया से कहा कि इस हीरे को मंदिर को तुरंत नहीं सौंपा गया था और 1839 में रणजीत सिंह की मौत हो गई और अंग्रेजों ने 10 साल बाद कोहिनूर को उनके बेटे दलीप सिंह से छीन लिया, जबकि वे जानते थे कि यह पुरी में भगवान जगन्नाथ को दान किया जा चुका था.

पटनायक ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में महारानी को एक पत्र भी भेजा था, जिसके बाद उन्हें 19 अक्टूबर, 2016 को बकिंघम पैलेस से एक पत्र मिला था, जिसमें उन्हें इस संबंध में सीधे ब्रिटेन सरकार से अपील करने के लिए कहा गया था. पटनायक ने कहा, ‘‘महाराजा रणजीत सिंह ने अपनी मौत से पहले अपनी वसीयत में लिखा था कि उन्होंने कोहिनूर हीरा भगवान जगन्नाथ को दान कर दिया है. इस दस्तावेज को ब्रिटेन की सेना के एक अधिकारी ने प्रमाणित किया था, जिसका प्रमाण दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार में है. 

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