Loksabha Election 2024: नीतीश का कांग्रेस से 'इजहार-ए-मोहब्बत' लेकिन ये इश्क नहीं आसान!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के अंदर ही कलह मची हुई है, लेकिन इनकी नजर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट करने पर है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 20, 2023, 11:58 PM IST
  • जानिए क्या है पूरा मामला
  • उपेंद्र कुशवाहा ने दिया इस्तीफा
Loksabha Election 2024: नीतीश का कांग्रेस से 'इजहार-ए-मोहब्बत' लेकिन ये इश्क नहीं आसान!

नई दिल्लीः  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के अंदर ही कलह मची हुई है, लेकिन इनकी नजर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट करने पर है. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस से मुहब्बत का इजहार करते हुए सभी दलों के एकजुट करने के लिए आगे आने का निमंत्रण भी दे दिया. लेकिन कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के लिए यह राह इतनी आसान नहीं है.इधर, कांग्रेस भी नीतीश कुमार के 'प्रेमजाल ' में फंसने से पहले पूरी तरह परख लेना चाहती है.

पटना में नीतीश ने किया ये ऐलान
दरअसल, नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित भाकपा माले के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा कि देश में व्यापक विपक्षी एकता का निर्माण हो, यह समय की मांग है. हम कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने मंच पर बैठे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद से कहा कि यह संदेश कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दिया जाए. उन्होंने कहा कि यदि हम सभी मिलकर चले तो भाजपा 100 के नीचे आ जाएगी.

सलमान खुर्शीद ने कही ये बात
इसी मंच से सलमान खुर्शीद ने कहा कि नीतीश कुमार के बिहार मॉडल की चर्चा हर जगह होनी चाहिए. हम भी वही चाहते हैं जो आप चाहते हैं, मामला बस इतना है कि पहले 'आई लव यू' कौन बोलेगा.नीतीश कुमार हालांकि कांग्रेस के साथ आने की बात तो करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर राहुल गांधी के नाम पर मुहर नहीं लगाते. हां, इतना जरूर है कि नीतीश कभी भी थर्ड फ्रंट की नही मेन फ्रंट की बात कर रहे हैं. क्योंकि नीतीश भी जानते हैं कि कांग्रेस के बिना और कई अन्य क्षेत्रीय दलों के बिना मेन फ्रंट की कल्पना नहीं की जा सकती.

जानिए कितनी बड़ी है मुसीबत
वैसे, नीतीश के इस निवेदन को कांग्रेस कितनी अहमियत देगी इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है. नीतीश की पार्टी बिहार में ही तीसरे नंबर पर है. इसके अलावा जिस तरह नीतीश की छवि गठबंधन बदलने की रही है, उससे कांग्रेस भी परिचित है. भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं कि नीतीश कुमार के मन में प्रधानमंत्री बनने की महत्वकांक्षा है. जो मुख्यमंत्री 17 साल शासन करने के बाद समाधान यात्रा पर निकले थे. जो नीतीश की राजनीति में विश्वसनीयता नहीं है, वे चाहते हैं कि देश भर में वे विपक्षी एकता की अगुवाई करें. यह कभी हो सकता है ?

जदयू से सोमवार को वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी से इस्तीफा देकर नई पार्टी बना ली.बहरहाल, जदयू में खुद आंतरिक कलह मचा है और नीतीश विपक्षी एकता कर भाजपा को हटाने का दावा कर रहे हैं. इधर कांग्रेस भी भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए जमकर मेहनत कर रही है. लेकिन यह माना जा रहा है कि फिलहाल नीतीश के लिए यह राह इतना आसान नहीं है.

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