दिल्ली के उपराज्यपाल ने ‘तुच्छ आधार’ पर किया ये काम? सिसोदिया ने लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाए हैं कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ‘तुच्छ आधार’ पर 244 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रोक दी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 5, 2023, 06:15 PM IST
  • मनीष सिसोदिया ने लगाए एलजी पर गंभीर आरोप
  • ‘तुच्छ आधार’ पर 244 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रोकी
दिल्ली के उपराज्यपाल ने ‘तुच्छ आधार’ पर किया ये काम? सिसोदिया ने लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर 'तुच्छ आधार' पर 244 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रोकने का आरोप लगाया. इससे एक दिन पहले सक्सेना ने सरकारी स्कूलों में प्रधानाचार्यों और उप शिक्षा अधिकारियों के 126 पदों को बहाल करने की मंजूरी दे दी थी, जो पिछले दो साल से अधिक समय से 'खाली' पड़े हुए थे.

दिल्ली के एलजी पर फूटा सिसोदिया का गुस्सा
मनीष सिसोदिया ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए ये दावा किया कि अगर सेवा विभाग दिल्ली सरकार के पास होता तो कोई भी पद खाली नहीं रहता.

उपमुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'उन्होंने सेवा विभाग पर असंवैधानिक रूप से नियंत्रण कर लिया है. 370 पद खाली पड़े हैं और इन 370 में से 126 को एलजी साहब ने मंजूरी दे दी है. बाकी के लिए उन्होंने हमसे एक अध्ययन कराने के लिए कहा है. मैं एलजी साहब से पूछना चाहता हूं : ये स्कूल उप-प्रधानाचार्यों की मदद से चल रहे हैं. हम किसी प्रधानाचार्य की व्यवहार्यता पर अध्ययन कैसे करा सकते हैं?'

'तुच्छ आधार' पर एलजी ने रोकी नियुक्ति- सिसोदिया
उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर सक्सेना को पत्र भी लिखेंगे, लेकिन उन्होंने उपराज्यपाल से 'तुच्छ आधार' पर बाकी के पदों पर नियुक्ति न रोकने का अनुरोध किया. उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'यह असंवेदनशील तथा दुर्भाग्यपूर्ण है. एलजी साहब, कृपया इसका मजाक न बनाइए. अगर सेवा विभाग का नियंत्रण दिल्ली सरकार के पास होता तो ये पद बहुत पहले ही भर जाते. अगर अध्ययन की आवश्यकता है, तो आप इस पर अध्ययन करा सकते हैं कि उपराज्यपाल की आवश्यकता है या नहीं.'

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भी सिसोदिया के जैसे विचार साझा किए और दावा किया कि जब 2015 में आप सत्ता में आयी तो उन्होंने प्रधानाचार्यों के 370 खाली पदों को भरने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को एक प्रस्ताव भेजा था.

प्रधानाचार्यों की कमी के लिए किसे ठहराया था जिम्मेदार?
विधायक ने कहा कि 126 पदों को स्वीकृति देकर उपराज्यपाल ने भाजपा के 'झूठ का पर्दाफाश' कर दिया है. भाजपा ने पहले स्कूलों में प्रधानाचार्यों की कमी के लिए आप को जिम्मेदार ठहराया था. भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'जब पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव चल रहे थे, तो भाजपा और कांग्रेस ने स्कूलों में कोई प्रधानाचार्य नहीं होने का हवाला देते हुए हमारी शिक्षा प्रणाली की आलोचना की थी.

हालांकि, एलजी ने आज भाजपा के झूठ का पर्दाफाश कर दिया और प्रधानाचार्यों के 126 पदों को मंजूरी दे दी. जब आप 2015 में सत्ता में आयी थी, तो हमने माना था कि स्कूलों में प्रधानाचार्यों की कमी है, हमने प्रधानाचार्यों के 370 पद भरने के लिए यूपीएससी को एक प्रस्ताव भेजा था.' आप नेता ने दावा किया कि जब मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की शिक्षा प्रणाली की योजना बनायी थी, तो उन्होंने शहर के प्रत्येक स्कूल में प्रधानाचार्य होने पर जोर दिया था.

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