मध्य प्रदेश में कपड़े उतरवा स्थानीय पत्रकार को लॉकअप में बंद किया, फोटो वायरल

मध्य प्रदेश के सीधी जिले से पुलिस की बर्बरता की तस्वीर सामने आई है, जहां सीधी के स्थानीय पत्रकार के साथ पुलिस ने न सिर्फ मारपीट की, बल्कि उसके कपड़े उतरवा करके उसे लॉकअप में बंद कर दिया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 7, 2022, 08:56 PM IST
  • सीधी जिले के सिटी कोतवाली थाने का मामला
  • पुलिस ने कुछ लोगों को लिया था हिरासत में
मध्य प्रदेश में कपड़े उतरवा स्थानीय पत्रकार को लॉकअप में बंद किया, फोटो वायरल

नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के सीधी जिले से पुलिस की बर्बरता की तस्वीर सामने आई है, जहां सीधी के स्थानीय पत्रकार के साथ पुलिस ने न सिर्फ मारपीट की, बल्कि उसके कपड़े उतरवा करके उसे लॉकअप में बंद कर दिया. लॉकअप में बंद करने के बाद उसके फोटो और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए.

दरअसल, पूरा मामला सीधी जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां थाने गए मीडिया कर्मी के साथ पुलिस ने ना सिर्फ दुर्व्यवहार किया, बल्कि उसके साथ मारपीट भी की और फर्जी मामला दर्ज कर उसे लॉकअप में बंद कर दिया.

कुछ लोगों को पुलिस ने लिया हिरासत में
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर सीधी पुलिस अधीक्षक मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि आईटी एक्ट के तहत पकड़े गए एक आरोपी के समर्थन में कुछ लोगों ने थाने के बाहर माहौल बनाया था. पुलिस ने कई बार समझाने की कोशिश की. इसके बाद भी उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दी. 

इसके बाद उन सभी लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर लॉकअप में बंद कर दिया गया था और मामला दर्ज कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया था. इसके बाद उनकी सुबह ही जमानत हो गई थी.

लॉकअप के अंदर की फोटो वायरल होने को लेकर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हम इसकी जांच करवा रहे हैं और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

यह है पूरा मामला 
दरअसल, कुछ महीने पहले से स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला व उनके बेटे के नाम को लेकर एक फर्जी आईडी से फेसबुक पर अनर्गल पोस्ट किए जा रहे थे. इस मामले में पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. पुलिस मामले की जांच कर रही थी. 

जांच के दौरान पाया गया कि नीरज कुंदर नामक व्यक्ति की तरफ से ये कृत्य किया गया है. पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद जब इस बात की जानकारी नीरज के घरवालों को लगी तो उन्होंने थाने के बाहर हंगामा खड़ा कर दिया. हंगामे के बीच पुलिस ने कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन परिजन नहीं माने. 

पुलिस पर आरोप है कि पुलिस ने जबरन लोगों को बाहर से अंदर घसीट कर लॉकअप में बंद कर दिया. इसमें स्थानीय पत्रकार कनिष्क तिवारी भी शामिल थे. यह मामला बीते 2 अप्रैल की रात का बताया जा रहा है.

पुलिस की तरफ से दी गई सफाई
वहीं, इस मामले में SHO मनोज सोनी का कहना है कि पकड़े हुए लोग पूरे नग्न नहीं थे. हम सुरक्षा की दृष्टि से उनको हवालात में अंडरवियर में रखते हैं जिससे कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से खुद को फांसी न लगा ले. सुरक्षा की वजह से हम उनको ऐसे रखते हैं.

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