5 महीने बाद सजा माता वैष्णो का दरबार, यात्रा के नियमों में क्या क्या बदला? जानिए

5 महीने बंद रहने के बाद आज से मां वैष्णो देवी की यात्रा शुरू हो गई है. कटरा बेस कैंप पर यात्रियों का पहुंचना शुरू हो चुका है. कोरोना संक्रमण की वजह से रोजाना 2 हजार श्रद्धालुओं को ही यात्रा की इजाजत है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 16, 2020, 03:38 PM IST
    • मां वैष्णो देवी की यात्रा के नये नियम जानिए
    • सामाजिक दूरी के साथ माता का आशीर्वाद
    • आज से मां वैष्णो देवी की यात्रा का शुभारंभ
5 महीने बाद सजा माता वैष्णो का दरबार, यात्रा के नियमों में क्या क्या बदला? जानिए

नई दिल्ली: 5 महीने बाद मां वैष्णो देवी का दरबार भक्तों के लिए खोल दिया गया है, आज से मां वैष्णो देवी की यात्रा का शुभारंभ हो गया है. कोरोना की वजह से मां वैष्णो देवी की यात्रा के कुछ नये नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना भक्तों के लिए अनिवार्य रखा गया है. कटरा बेस कैंप पर यात्रियों का पहुंचना शुरू हो चुका है.

फिर सज गया वैष्णो देवी माता का दरबार

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के चलते करीब 5 महीना यात्रा जरूर रुकी रही, लेकिन इसके बावजूद माता वैष्णों के भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई. इस बार हर दिन दो हजार भक्तों को माता के दरवार में जाने की अनुमति दी गई है.

कोरोना 'काल' में दर्शन के नियम

  • दो हजार भक्तों को जाने की अनुमति
  • 1,900 यात्री जम्मू-कश्मीर से होंगे 
  • 100 यात्री बाहर से आने वाले 
  • बाहर से आने वाले भक्तों का कोराना टेस्ट
  • ऑनलाइन पर्ची से होंगे दर्शन
  • आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य
  • चेहरे पर मास्क और कवर अनिवार्य 
  • श्रद्धालुओं का बॉडी टेम्परेचर मापा जाएगा
  • 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को मनाही
  • आने जाने के लिए अलग-अलग ट्रैक

वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने व्यवस्था की है कि दर्शन के लिए भक्तों पर नजर रखी जाएगी, ताकि वो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान दें. सांझी छत से वैष्णो देवी भवन तक 6-6 फीट की दूरी पर निशान लगाए गए हैं, रंगाई-पुताई हो रही है. साफ सफाई का ध्यान रखा जा रहा है.. सैनिटाइजेशन की व्यवस्था है. मंदिर तक के 13 किलोमीटर के रास्ते पर हर 3 किलोमीटर पर सैनिटाइज़र यूनिट तैनात की गई है.

यात्रा के दौरान बुजुर्ग यात्रियों के लिए घोडे और पिट्ठुओं का इंतजाम रहता है. इस बार भी ये सेवा रहेगी. इसीलिए अभी से घोड़ों, पिट्ठुओं की जांच हो रही है, ताकि यात्रा में कोई दिक्कत न आए.

जम्मू-कश्मीर में मंदिरों की 'स्वतंत्रता' का दिन

इस बार यात्रियों को वैष्णो देवी भवन और भैरव घाटी के बीच केबल कार की सुविधा मिलेगी. अर्धुकुमारी और वैष्णोदेवी भवन के बीच बैटरी कार चलेंगी. सांझी छत से हेलिकॉप्टर की सुविधा भी मिलेगी. इस बार हेलिकॉप्टर के लिए आपके जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. पहले एक तरफ का किराया 1045 रुपये था. जिसे बढ़ा कर 1730 कर दिया गया है. यानी अगर आप आते जाते दोनो वक्त हेलिकॉप्टर की सेवा लेना चाहते हैं तो प्रति यात्री 3460 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. पहले हेलिकॉप्टर में 6 सवारियां होती थीं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए 3 सवारियां ही बैठेंगी.

श्राइन बोर्ड की तरफ से नई एडवाइज़री जारी की गई है. जिसके मुताबिक हेलिकॉप्टर में यात्रियों की संख्या 6 की बजाए 3 कर दी गई है. इसी तरह बैटरी कार में भी यात्रियों की संख्या को आधा कर दिया गया है.

सामाजिक दूरी के साथ माता का आशीर्वाद

भले ही श्रद्धालुओं को माता के दर्शन के लिए कुछ ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ेगी. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को तो मानना ही पड़ेगा. आखिर भक्तों के स्वास्थ्य का मामला है. पुजारी भी मानते हैं कि मंदिर की आरती में माता से भक्तों को स्वस्थ रखने की प्रार्थना ही की जाती है.

माता वैष्णव देवी भवन के पुजारी सुदर्शन ने कहा कि "मैं आप सबसे इस विश्वास के साथ कह सकता हूं कि दरबार  में माता रानी को जो सुबह शाम पूजा प्रार्थना होती है, वो मां को प्रसन्न करने के लिए और आप सबको स्वस्थ रखने के लिए होती है."

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इस बार वैष्णो देवी मंदिर में यात्रा में बदलाव तो दिखेंगे ही. क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग तो अब धीरे धीरे हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जा रहा है. आस्था तो अपनी जगह है. लेकिन अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी हमारी ही है. मां तो अपने भक्तों पर कृपा बरसाती ही है, लेकिन भक्तों की सजगता भी बेहद जरूरी है.

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