जासूसी पर बीजेपी और कांग्रेस में आर-पार की जंग

जासूसी मामले में संसद में जोरदार हंगामा देखा गया. सरकार ने आरोपों से इनकार किया. कांग्रेस ने लोकतंत्र से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया, तो वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि फोन टैपिंग कांग्रेस का पुराना इतिहास है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 19, 2021, 07:28 PM IST
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जासूसी पर बीजेपी और कांग्रेस में आर-पार की जंग

नई दिल्ली: पेगासस सॉफ्टवेयर से देश के पत्रकारों और अन्य हस्तियों की कथित जासूसी की मीडिया रिपोर्ट का मामला सोमवार को शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में उठा. जासूसी मामले में संसद में जबरदस्त हंगामा देखा गया. जासूसी मामले में कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा.

सरकार पर लगे आरोप तो किया पलटवार

कांग्रेस ने पूछा है कि 'मोदी सरकार को पत्रकारों, विपक्षी नेताओं, न्यायाधीशों से इतना डर क्यों लगता है. जासूसी कराने की नौबत क्यों आ गई? यह जासूसी कांड भाजपा की सत्ता के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा.' कांग्रेस ने ये भी कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रही है.

वहीं लोकसभा में विपक्ष के सवालों पर सरकार की तरफ से जवाब देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जासूसी की खबरों को खारिज किया.

'जासूसी टूलकिट' संयोग नहीं प्रयोग!

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि तर्कों की कसौटी पर देखें तो वेबसाइट ने आधारहीन खबर के माध्यम से सिर्फ सनसनी फैलाने की कोशिश की. अगर सदस्यगण संबंधित खबर पर सही से ध्यान देंगे तो वे खुद यह बात समझ जाएंगे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, एनएसओ ने भी कहा है कि रिपोर्ट गलत और बेबुनियाद है. किसी भी तरह का अवैध सर्विलांस हमारे सिस्टम में संभव नहीं है. संसद सत्र से एक दिन पूर्व इस मीडिया रिपोर्ट का आना संयोग नहीं है.

रविशंकर प्रसाद ने भी साधा निशाना

जहां केंद्रीय आईटी मंत्री ने कहा कि मॉनसून सत्र से पहले जासूसी टूलकिट संयोग नहीं प्रयोग है, तो वहीं भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा 'फोन टैपिंग कांग्रेस का पुराना इतिहास है.

उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लगाए गए राजनीतिक औचित्य की निराधार और बेपरवाह टिप्पणियों का भाजपा जोरदार खंडन और निंदा करती है. 50 से अधिक वर्षों से भारत पर शासन करने वाली पार्टी के राजनीतिक विमर्श में यह एक नया निचला स्तर है.

रविशंकर प्रसाद ने बताया कि 'हमारे आईटी मंत्री ने आज पुष्टि की कि इलेक्ट्रॉनिक संचार के वैध अवरोधन केवल भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 के प्रावधानों के तहत प्रासंगिक नियमों के अनुसार किए जा सकते हैं.'

सरकार ने आरोप लगाए हैं और ये कहा है कि जासूसी टूलकिट मॉनसून सत्र से ठीक एक दिन पहले संयोग नहीं प्रयोग जैसा है, लेकिन कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस ने बीजेपी को भारतीय जासूस पार्टी कहते हुए गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा है. इसी मुद्दे पर संसद के दोनों सदन सत्र के पहले ही दिन स्थगित हो गए. हंगामा इतना हुआ कि प्रधानमंत्री नए मंत्रियों का परिचय भी नहीं करा पाए. जासूसी टूलकिट दिनभर संसद से लेकर बाहर तक सियासी हंगामे की वजह बना रहा.

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