नई दिल्ली: मुंबई में बीती जमकर बारिश हुई. रात भर हुई भारी बारिश से शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है. सड़कें पर कई फीट पानी जमा हो गया है, गाडियां डूब गई हैं. इस बारिश के साथ ही BMC के दावों की पोल भी खुल गई. BMC का बजट कई राज्य के नगर पालिका के मुकाबले कई गुना अधिक है.
BMC की लापरवाही का नतीजा
साल 2018- 2019 में BMC का कुल बजट 27,258 करोड़ रुपये था. जिसमें BMC ने 53 करोड़ सिर्फ ड्रेनेज सिस्टम पर खर्च किया. साल 2019-2020 में BMC का कुल बजट 30,692.59 करोड़ रुपये था. जिसमें BMC ने 11,480.42 सड़के, पुल, ड्रेनेज सिस्टम बनाने पर खर्च किया. और 2020-2021 में BMC बजट बढ़ कर 39,038.83 करोड रुपये हो गया. जिसमें सीवेज डिस्पोजल पर खर्च के लिए 1,060.06 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
बीएमसी ने साल 2021-22 के लिए 39 हज़ार करोड़ से भी ज्यादा का बजट का पेश किया था. जिसमें से 200 करोड़, सड़क, फुटपाथ, फ्लाईओवर्स, ट्रैफिक से जुड़े कामों के लिए और 150 करोड़ शहर की उन जगहों को ठीक करने के लिए आवंटित किया गया जहां मॉनसून में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं.
जरूरतों की अनदेखी पड़ी भारी
मुंबई के ज्यादातर हिस्सों में नए सिरे से निर्माण किया गया है, लेकिन उस वक्त कुछ बनियादी जरूरतों की अनदेखी अब मुंबईवासियों पर भारी पड़ रही है.
अगर परेल के हिन्दमाता इलाके की बात करें तो इसका ज्यादातर हिस्सा थोड़ा गहराई वाला है, लेकिन इन इलाकों में प्रशासन ने ज्यादा ध्यान न दे कर जैसे तैसे निर्माण कार्य करा दिया. नतीजा ये रहा कि बारिश होते ही ये इलाका तालाब में तब्दील हो जाता है. कई सालों पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल का निवास भी यहीं हुआ करता था और तब भी ऐसे ही हालात रहते थे.
सवाल ये है कि आखिर कब तक?
बारिश के मौसम में मुंबई का ये हाल कोई नई बात नहीं है लेकिन सवाल ये है कि आखिर कब तक? अब एक एक करके मुंबई के उन इलाकों का हाल बता देते हैं, जहां बारिश की वजह से सबसे बुरा हाल रहा.
मुंबई के सायन रेलवे स्टेशन के पास बारिश इतनी ज्यादा हुई कि रेलवे लाइन पानी में डूब गई. हर कोई कन्फ्यूज हो जाएगा कि ये रेलवे स्टेशन है या कोई छोटी नहर.. मॉनसून की जो बरसात लोगों को गर्मी और उमस से निजात देती है वही बारिश अब मुंबई के लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. मुंबई के अंधेरी इलाके में बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया. घर का सारा सामान पानी में भीग गया.
तो वहीं मुंबई के कई इलाकों में तेज बारिश और जलजमाव का वजह से यातायात भी प्रभावित रहा. घंटो तक सड़कों पर जाम लगा रहा है, जिससे लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हुई.
मुंबई के इस हाल की लोगों को आदत हो गई, क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं बल्कि साल दर साल होता रहता है. इसीलिए बारिश कितनी भी हो, काम नहीं रुकता और लोग पानी से लबालब भरी सड़कों पर भी चलते दिखाई देते हैं. और इसका सबसे बड़ा कारण है प्रशासन की लापरवाही.. जिसका खामियाजा मुंबई की जनता को भुगतना पड़ता है.
लापरवाही पड़ी जान पर भारी
मुंबई में बीती रात हुई बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जहां एक ओर मुंबई के कई इलाकों में पानी भर जाने से परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बारिश से हुई लैंड़स्लाइड से बड़ा हादसा हो गया है. मुंबई के विक्रोली इलाके में बीती रात हुई तेज बारिश के कारण एक घर गिर गया, जिसमें पूरा परिवार दब गया. इसकी सबसे बड़ी वजह BMC के अधिकारियों की लापरवाही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस हादसे की सबसे बड़ी वजह से है पहाड़ के ऊपरी हिस्से में सेफ्टी वॉल बनाया गया. सेफ्टी वॉल बनाने में जो मैटेरियल सूज हुआ वो सही नहीं था. और जिस सेफ्टी वॉल को पूरे इलाके पहाड़ी इलाके में बनाना था पर BMC के अधिकारियो ने बस कुछ चुनिंदा इलाकों में ही बनाया है. जिसकी वजह से ये हादसा हुआ.
चेंबूर में दिखे ऐसे ही हालात
मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए NDRF की लगातार रेक्स्यू अभियान चला रही हैं. इस हादसे में अबतक कुल 9 लोगों की मौत हो गई है. मुंबई के चेंबूर में भी ऐसे ही हालात देखने को मिले. जहां लैंड स्लाइड की वजह से मलबा झुग्गियों पर गिर गया. जिसकी वजह से कई घर मलबे की चपेट में आ गए.
जिसमे कई लोग मलबे के नीचे दब गए. जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन इस इलाके की गलियां इतनी संकरी हैं कि रेस्कयू टीम को थोड़ा वक्त लग रहा है. हादसे के बाद राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे मौके पहुंचे कर जायजा लिया.
इस हादसे में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 5 लोग घायल हैं. अभी भी यहां कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. ये सभी हादसे लैंडस्लाइड की वजह से हुए. एनडीआरएफ टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
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