मुंबईः नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने आर्यन खान गिरफ्तारी मामले में एक गवाह के खुलासे के बाद कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए रविवार को पुलिस से मदद मांगी.
मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले को लिखे एक पत्र में वानखेड़े ने दावा किया कि उन्हें पता चला है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाने के लिए कुछ कानूनी कार्रवाई की योजना की गई है.
'न की जाए कानूनी कार्रवाई'
पिछले हफ्ते राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के एक बयान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए एनसीबी प्रमुख ने लिखा, यह भी आपके ध्यान में लाया गया है कि सार्वजनिक मीडिया पर जेल और बर्खास्तगी की धमकी जारी की गई है. आईआरएस अधिकारी ने मुंबई पुलिस प्रमुख से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि इस तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाए. उन्हें गलत उद्देश्यों से फंसाया जा रहा है.
वानखेड़े ने इससे पहले अपनी जिंदगी को खतरा बताते हुए शहर और राज्य पुलिस में शिकायत की थी. उन्होंने नागराले को याद दिलाया कि एनसीबी के उप महानिदेशक, दक्षिण पश्चिम क्षेत्र, मुथा अशोक जैन पहले ही नए मामले (गवाह के सनसनीखेज खुलासे) आवश्यक कार्रवाई के लिए एनसीबी मुख्यालय को भेज चुके हैं.
गवाह ने लगा थे गंभीर आरोप
एनसीबी के गवाह प्रभाकर सेल के बयानों ने सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी के सहयोगी शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस ने एनसीबी और वानखेड़े की आलोचना की थी. बता दें कि प्रभाकर सेल ने कहा था कि एनसीबी ने खाली कागजों पर साइन करवाए थे. बाद में यह दावा किया कि समीर वानखेड़े ने 25 करोड़ रुपये मांगे थे. अब इन आरोपों के बीच समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है.
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सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी ने मुंबई पुलिस से स्वत: संज्ञान लेकर जांच करने, एनसीबी मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप आदि की मांग की है.
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