सीएम योगी ने दिखाया आईना तो भड़क गई नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार

नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार चीन के बहकावे में आकर भारत से लगातार संबंध बिगाड़ने पर तुली हुई है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेपाल सरकार को समझाने की कोशिश की. लेकिन वहां के कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री उल्टा तोहमत लगाने पर उतर आए.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 11, 2020, 08:04 AM IST
    • सीएम योगी की नेक सलाह नेपाल को नहीं आई पसंद
    • नेपाल पर कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है
    • नेपाली पीएम ने भारत को दिखाई आंख
    • सीमा निर्धारण को लेकर चल रहा है नेपाल और भारत में विवाद
    • चीन के बहकावे में आ गई है नेपाल की वामपंथी सरकार
    • भारत से संबंध बिगाड़ रहे हैं नेपाल के वामपंथी
सीएम योगी ने दिखाया आईना तो भड़क गई नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेपाल में बहुत इज्जत है. क्योंकि वह सीएम होने के साथ साथ गोरक्ष पीठ के अधीश्वर भी हैं. जिसके कारण वह परंपरागत रुप से नेपाल के गुरु की तरह सम्मानित हैं. इसी रिश्ते के आधार पर योगी आदित्यनाथ ने नेपाल को भारत विरोध करने के खिलाफ समझाने की कोशिश की.   
नेपाल को चीन की असलियत समझाई
योगी आदित्यनाथ ने नेपाल को इतिहास से सबक लेने का आग्रह किया उन्होंने तिब्बत का उदाहरण देते हुए नेपाल सरकार को चेतावनी दी और कहा कि 'नेपाल को अपने देश की राजनैतिक सीमाएं तय करने से पहले परिणामों के बारे में भी सोच लेना चाहिए. उन्हें यह भी याद करना चाहिए कि तिब्बत का क्या हश्र हुआ था.'
योगी आदित्यनाथ तिब्बत पर चीन के कब्जे की तरफ नेपाल का ध्यान दिलाना चाहते थे. इसके अलावा उन्होंने नेपाल से भावनात्मक अपील करते हुए कहा था कि 'भारत और नेपाल भले ही दो देश हों लेकिन यह एक ही आत्मा हैं. दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्ते हैं, जो सीमाओं के बंधन से तय नहीं हो सकते. ऐसे में नेपाल की सरकार को हमारे रिश्तों के आधार पर ही कोई फैसला करना चाहिए.'
योगी की नसीहत नहीं पचा पाई नेपाल की वामपंथी सरकार
नेपाल में इस समय कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है. जो कि चीन की पिछलग्गू है. भले ही योगी आदित्यनाथ ने गुरु होने के नाते नेपाल को सच्ची सलाह दी. लेकिन चीन के रंग में रंगी वहां की कम्युनिस्ट सरकार को यह अच्छी सलाह भी बर्दाश्त नहीं हुई. 
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने योगी आदित्यनाथ के बयान का विरोध किया है. उन्होंने नेपाल के नए नक्शे के मंजूरी के बाद नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा की बैठक में बयान दिया कि 'योगी आदित्यनाथ नेपाल को डराने की कोशिश कर रहे हैं और यह उचित नहीं है. हम इसे नेपाल का अपमान समझते हैं. नेपाल ऐसी भाषा के लिए तैयार नहीं है. मैं योगीजी को याद दिलाना चाहूंगा कि हम इससे खुश नहीं हैं.'
उल्टा भारत पर नेपाल ने लगाया आरोप
नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार चीन के हाथ का मोहरा बन चुकी है. वहां के प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना पर नेपाल की जमीन का जबरन अतिक्रमण करने का आरोप जड़ा है. उनका कहना है कि 'भारत ने कालापानी क्षेत्र में अपने सेना के जवानों को तैनात करके नेपाली क्षेत्र पर कब्जा किया है.'
नेपाल सदियों पुरानी अपनी भौगोलिक सीमा को पार करके भारत पर आरोप लगा रहा है. नेपाल के वामपंथी राजनेता चीन को खुश करने के लिए भारत के खिलाफ बयानबाजियां कर रहे हैं. इसीलिए योगी आदित्यनाथ ने उन्हें चीन की विस्तारवादी नीति और तिब्बत पर उसके कब्जे की याद दिलाई. लेकिन नेपाली राजनेताओं के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. 

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