नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसान पीछे हटने के लिए राजी नहीं हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि कहा- हम पीछे नहीं हटने वाले हैं. सरकार लगातार बैठकें कर रही है और किसानों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है.
शाहीन बाग की महिलाओं की साजिश?
अरविंद केजरीवाल ने लोगों से प्रदर्शनकारियों की हर संभव मदद करने की अपील की है. इस बीच सिंघु बॉर्डर पर शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाली महिलाएं विरोध जताने पहुंची हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के किए कड़े इंतजाम किए हैंय गाजीपुर बॉर्डर पर BSF और CISF के जवानों की भी तैनाती की गई है.
नरेंद्र तोमर की अमित शाह से मुलाकात
किसानों के आंदोलन पर गृह मंत्री अमित शाह से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर मुलाकात की है. किसानों के मुद्दे पर 24 घंटे में दूसरी बार बैठक हुई. बता दें, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे थे. किसान आंदोलन को लेकर मुलाकात हुई. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार किसान संगठनों और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है.
किसान आंदोलन की वजह से लगा जाम
कृषि कानूनों के विरोध के चलते पंजाब-हरियाणा और यूपी के किसानों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है. आंदोलन के पांचवें दिन दिल्ली सीमा पर किसान डटे हुए हैं, जिसकी वजह से जाम लग गया है. सिंघु बॉर्डर को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है. बहादुरगढ़ से सटे टीकरी बॉर्डर पर भी किसान डटे हुए हैं, जिससे वहां भी लंबा जाम लग रहा है. यूपी बॉर्डर पर भी किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिसकी वजह से जाम के हालात पैदा हो गए हैं. हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर भी किसानों का प्रदर्शन जारी है, जिसकी वजह आवाजाही पूरी तरह से बंद है.
किसान आंदोलन का आज पांचवां दिन था. किसान दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं और नए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं. वहीं यूपी गेट पर किसान गाना-बजाना करके अनोखे तरीके से आंदोलन कर रहे हैं.
ट्रक ड्राइवर ने प्रशासन से मांगी मदद
किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली सीमा पर जाम लगा हुआ है. ऐसे में सोनीपत में सेना की दवाइयां ले जाने वाला ट्रक फंस गया है. भारतीय सेना के लिए दिल्ली से ट्रक में दवाइयां लोड करके लेह लद्दाख जा रहा था. लेकिन ट्रक भी अब किसानों के आंदोलन में फंस गया है. ट्रक ड्राइवर को डर है कि बढ़ती सर्दी की वजह से लद्दाख का रास्ता बंद हो जाएगा. ऐसे में चीन के सामने खड़ी भारतीय सेना को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
किसान आंदोलन या 'भड़काने' की राजनीति?
- जंतर-मंतर पर जाने की जिद
- बुराड़ी में प्रदर्शन से इंकार
- हाईवे को जाम करने की धमकी
- सरकार बातचीत को तैयार
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि "करार से किसानों को निर्धारित दाम पाने की गारंटी मिलेगी, लेकिन किसान को किसी भी करार में बाँधा नहीं जा सकेगा. किसान किसी भी मोड़ पर बिना किसी पैनाल्टी के करार से निकलने को स्वतंत्र होगा."
वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा, "नए कृषि कानून के अंतर्गत बड़ी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के नाम पर किसानों का शोषण नहीं कर पाएंगी. किसान बिना किसी पेनल्टी के किसी भी समय कॉन्ट्रैक्ट से बाहर निकल सकता है. कॉन्ट्रैक्ट से किसानों को निर्धारित दाम पाने की गारंटी भी मिलेगी."
किसान आंदोलन पर प्रकाश जावड़ेकर ने भी ट्वीट किया और कहा, "पंजाब के किसानों से पिछले साल के मुकाबले ज्यादा खरीदारी हुई. किसानों ने ज्यादा MSP पर धान बेचा."
किसान आंदोलन का असर समझिए
आपको किसान आंदोलन के असर के बारे में बताते हैं. दिल्ली के पास हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई है. दफ्तर जाने वालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. पुलिस और प्रशासन पर दबाव है. वो अलग, कुल मिलाकर स्थिति किसी के लिए भी अच्छी नहीं है.
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