दिल्ली में प्रदूषण को लेकर मौसम विभाग का अलर्ट, जानें अगले एक हफ्ते कैसी रहेगी आबोहवा

पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी हानिकारक वायु गुणवत्ता दर्ज की गयी. गाजियाबाद में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 342, गुरुग्राम में 364, नोएडा में 355, ग्रेटर नोएडा में 457 और फरीदाबाद में 374 दर्ज किया गया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 7, 2023, 09:10 PM IST
  • जानें कैसा रहेगा ये मौसम
  • प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर मौसम विभाग का अलर्ट, जानें अगले एक हफ्ते कैसी रहेगी आबोहवा

नई दिल्लीः दिल्ली में लगातार पांच दिन तक वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने के बाद मंगलवार सुबह प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी देखी गई पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया. निगरानी एजेंसियों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 395 रहा, जो सोमवार के 421 से कम है. 

पड़ोसी राज्यों में भी आबोहवा खराब
पड़ोसी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी हानिकारक वायु गुणवत्ता दर्ज की गयी. गाजियाबाद में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 342, गुरुग्राम में 364, नोएडा में 355, ग्रेटर नोएडा में 457 और फरीदाबाद में 374 दर्ज किया गया. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, आठ नवंबर को हवा की गुणवत्ता और खराब होने तथा इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के आसार हैं, जबकि नौ और 10 नवंबर को इसके ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रहने की आशंका है. 

जानें कैसा रहेगा मौसम
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने पहले पांच से छह दिन और वायु गुणवत्ता के गंभीर रहने की आशंका जताई थी. एक बुलेटिन में कहा गया, ‘‘दिल्ली में आठ नवंबर को सुबह उत्तर-पश्चिम दिशा से चार-12 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा के आने तथा दोपहर/शाम तक आंशिक रूप से बादल छाये रहने और धुंध छाये रहने के आसार हैं.... अलग-अलग दिशाओं से आ रही हवा के कारण नौ नवंबर की रात दिल्ली में एक या दो स्थानों पर बहुत हल्की बारिश का अनुमान है.’’ 

प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आने के बावजूद पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही. यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित स्वस्थ सीमा (15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) से 30 से 40 गुना अधिक है. 

 चिकित्सक ने बताया कि लंबे समय तक उच्च स्तर के प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, फेफड़ों तक सांस ले जाने वाली नलियों में सूजन और सांस से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं तथा हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है. दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप) के अंतिम चरण के तहत जरूरी सभी सख्त पाबंदियों को भी लागू किया गया है.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप. 

ट्रेंडिंग न्यूज़