रेलवे बढ़ा रहा है स्पीड, तेजस बनेंगी 150 ट्रेनें

 केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ब्यूरोक्रैट्स को 150 ऐसे नए रूट की योजना तैयार करने को कहा, जिनपर दुरंतो, तेजस और राजधानी जैसी ट्रेनें चलती हैं. योजना है कि इन रूट्स पर प्राइवेट कंपनियां ट्रेन ऑपरेट करेंगी. इसके जरिये रेलवे निजीकरण के क्षेत्र में बढ़ रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 13, 2019, 03:11 PM IST
रेलवे बढ़ा रहा है स्पीड, तेजस बनेंगी 150 ट्रेनें

नई दिल्लीः रेल मंत्रालय रेलवे रूट को तेज व सशक्त परिवहन बनाने की जोर-शोर से तैयारी कर रहा है. 8-9 दिसंबर को रेल मंत्रालय की हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में इसके लिए प्लानिंग तैयार की गई है. इस बैठक में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ब्यूरोक्रैट्स को 150 ऐसे नए रूट की योजना तैयार करने को कहा, जिनपर दुरंतो, तेजस और राजधानी जैसी ट्रेनें चलती हैं. योजना है कि इन रूट्स पर प्राइवेट कंपनियां ट्रेन ऑपरेट करेंगी. इसके जरिये रेलवे निजीकरण के क्षेत्र में बढ़ रहा है, साथ ही रेल परिवहन को यात्रियों के लिए और अधिक सुविधाजनक और तेज बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. 

घर से यात्री का सामान लाने की तैयारी
योजना के अनुसार इनमें से 30 प्राइवेट ट्रेनें मध्य और पश्चिम रेलवे पर मुंबई से चलेंगी. इनका संचालन मुंबई-अहमदाबाद और दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों की तर्ज पर होगा. इन दोनों ट्रेनों को इंडियन रेलवे केटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ऑपरेट करेगी. सूत्रों ने बताया कि बैठक में नए रूट्स पर चर्चा हुई, जिन्हें जल्द शुरू किया जाएगा. प्राइवेट ऑपरेटर इनका किराया और इन पर मिलने वाला खाना तय करेंगे. पैसेंजर का लगेज घर से लाने की सुविधा भी दी जाएगी.

इन ट्रेन्स को इनके रूट्स पर प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि वे स्टेशनों पर तय समय से ज्यादा देरी से न पहुंचें.

अगले महीने से शुरू हो जाएगी बोली प्रक्रिया
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया, इन 150 ट्रेनों के लिए बोली की प्रक्रिया अगले महीने से शुरू की जाएगी. देश में ऐसा पहली बार किया जा रहा है, इसलिए बिडिंग में समय लग सकता है. विश्व में इस सिस्टम का पहले से इस्तेमाल हो रहा है. पूरी प्रक्रिया को दो हिस्सों में पूरा किया जाएगा.

पहले प्राइवेट बिडर्स को क्वॉलिफिकेशन के लिए बुलाया जाएगा. इसके बाद उनसे प्रस्ताव मंगाए जाएंगे. पूरी प्रक्रिया में छह महीने लग जाएंगे. प्रस्ताव मिलने पर रेवेन्यू और रूट पर चर्चा की जाएगी. 

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जहां कम यात्री, वहां बदलाव में आएगी समस्या
अधिकारियों ने बताया कि मुंबई वाली ट्रेनें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई सेंट्रल, कुर्ला एलटीटी और बांद्रा टर्मिनस से चलेंगी. प्रॉफिटेबिलिटी और यात्रियों की संभावित संख्या के आधार पर प्राइवेट ऑपरेटर रूट तय करेंगे. अधिकारी ने बताया, जिन राज्यों में यात्रियों की संख्या आमतौर पर ज्यादा नहीं होती, वहां बदलाव करने में दिक्कत होगी. ऐसी जगहों पर एक हद के बाद किराया बढ़ाए बिना प्राइवेट कंपनियों के लिए पैसेंजर ट्रेनों का संचालन करना मुश्किल होगा.

नई रेलगाड़ियां मौजूदा ट्रेनों की जगह पर नहीं लाई जा रही हैं. रेलवे इनकी अलग से मैन्युफैक्चरिंग करेगा और सप्लाई करेगा. ऐसा करने के लिए उसे सालाना आधार पर पेमेंट मिलेगी.

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