नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) वायर टूट गया. इस कारण दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन-पटना-गया रेल रूट पर ट्रेनों का परिचलान प्रभावित हो गया. आधी रात को वायर टूटने से राजधानी समेत दर्जनों ट्रेनें जहां-तहां रोकनी पड़ीं. जानकारी के अनुसार रेलवे यार्ड में आधी रात को 1.30 बजे ओएचई वायर टूटा. वायर टूटने के बाद ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया. सभी ट्रेनों को जहां का तहां रोक देना पड़ा. इससे यात्री हलकान रहे. इस कारण ट्रेनों का परिचालन तीन घंटे से अधिक समय तक ठप रहा.
रात डेढ़ बजे टूटा वायर
पीडीडीयू रेलवे स्टेशन के यार्ड में सुबह अचानक एक ओएचई तार टूटने की जानकारी होते ही विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया. आनन -फानन विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचकर तार की मररम्मत में जुट गए. सुबह लगभग तीन घंटे के अथक प्रयास के बाद सुबह पांच बजे तार के मरम्मत का कार्य पूरा हो सका. इसके बाद रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कराया गया. ओएचई तार टूटने से इस दौरान लगभग तीन घंटे तक ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह ठप रहा.
ट्रेनों में सवार और प्लेटफार्म पर प्रतीक्षारत यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. यात्री ट्रेन के परिचालन बाधित होने की जानकारी लेने के लिए परेशान दिखे.
परेशान रहे यात्री
बारिश और बढ़ी ठंड से परेशान मुसाफिरों की मुसीबत ट्रेनों का परिचालन ठप होने से और बढ़ गई. लोग ट्रेनों के घंटों खड़े रहने का कारण जानने के लिए परेशान नजर आए. रेलवे नई दिल्ली से हावड़ा की दूरी तय करने में लगने वाला समय कम करने की दिशा में प्रयास का दावा कर रहा है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर जंक्शन पर ओएचई तार टूटने की यह पहली घटना नहीं है. पिछले साल भी ओएचई तार टूटने की वजह से सात घंटों तक ट्रेनों का परिचालन ठप रहा था. तब यात्रियों ने जमकर बवाल भी काटा था.
हरियाणा में भी टूटा था ओएचई वायर
वायर टूटने की यह घटना पहली नहीं है. हरियाणा के जगाधरी और कलानौर रेलवे स्टेशन के बीच भी ओएचई वायर टूट गया था. इस दौरान भी चार घंटे ट्रेनों का संचालन ठप रहा था.
यह घटना अक्टूबर 2019 की ही है. रात पौने तीन बजे गोल्डन टेंपल और वाराणसी से जम्मूतवी जाने वाली सुपरफास्ट ट्रेनें जगाधरी और कलानौर रेलवे स्टेशन के बीच पहुंचीं तभी अचानक रेलवे का ओएचई वायर टूट गया था. इससे दोनों ट्रेनों के अल्ट्रा पेंटोग्राफ टूट गए थे. ओएचई वायर टूटते ही ट्रेनें जहां की तहां ठहर गईं थीं. सुबह लगभग पौने सात बजे ओएचई वायर ठीक हो सका था.
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