जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही लड़ाई में बसपा भी कूद पड़ी है. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस में विलय को लेकर बसपा के छह विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया. इन विधायकों ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर सभी कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने इस विलय के खिलाफ एक शिकायत विधानसभाध्यक्ष सी पी जोशी के समक्ष इस वर्ष मार्च में दायर की थी, जिसे उन्होंने 24 जुलाई को खारिज कर दिया. बसपा का कहना है कि इन सभी विधायकों की सदस्यता खारिज की जाए.
विधानसभा सत्र में बसपा विधायकों की मदद लेकर सरकार बचाने की कोशिश
Rajasthan High Court issues notice to Speaker & Secretary of the Legislative Assembly, and 6 BSP MLAs in connection with the merger of the BSP MLAs with Congress party, in the state. The Court asks them to file reply by 11th August.
— ANI (@ANI) July 30, 2020
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिश है कि वे बसपा विधायकों की मदद से सदन में बहुमत साबित कर देंगे ताकि उनकी सरकार पर आया ये खतरा 6 महीने के लिए टल जाए. 14 अगस्त से होगी सविधानसभा सत्र की शुरुआत उल्लेखनीय है कि बहुप्रतीक्षित विधानसभा सत्र की शुरुआत 14 अगस्त से होगी.
बसपा ने खटखटाया है उच्च न्यायालय का दरवाजा
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने राजस्थान उच्च न्यायालय में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दाखिल की है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा था कि बीएसपी पहले भी कोर्ट जा सकती थी, लेकिन हम उस समय का इंतजार कर रहे थे, जब अशोक गहलोत और कांग्रेस को सबक सिखाई जा सके.
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राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को चलाने की अनुमति देते हुए सरकार को कड़े दिशा निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि भीषण महामारी के दौर में सामाजिक दूरी और कोरोना प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाए.