नई दिल्ली: Bharat Nyay yatra: कांग्रेस नए साल में 14 जनवरी को 'भारत न्याय यात्रा' शुरू करने जा रही है. यात्रा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी 6200 किलोमीटर पैदल चलेंगे. उनके साथ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता भी होंगे. इस यात्रा के जरिये कांग्रेस 14 राज्यों के करीब 85 जिलों को कवर करेगी. लेकिन हर किसी के मन में यह सवाल जरूर होगा कि इस यात्रा का नाम 'भारत जोड़ यात्रा' से अलग क्यों रखा गया. आइए, जानते हैं कि इसके पीछे क्या वजह क्या है.
क्यों रखा ये नाम?
दरअसल, कांग्रेस ने बीते लोकसभा चुनाव में एक स्कीम का ऐलान किया था. इस स्कीम का नाम न्यूनतम आय योजना (न्याय) था. इस योजना के अंतर्गत कांग्रेस की केंद्र में सरकार बनने पर गरीब परिवारों को 72 हजार रुपये सालान देने का वादा किया था. इस योजना की घोषणा करने के बाद भी भाजपा चुनाव जीत गई. कांग्रेस को फीडबैक में पता चला कि पार्टी इस योजना का प्रचार सही ढंग से नहीं कर पाई. देश के बड़े तबके को इस योजना की कोई सूचना ही नहीं मिली. ऐसे में इस बार के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी फिर से 'न्याय योजना' को मुद्दा बनाना चाह रही है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के अनुसार, यह यात्रा आर्थिक न्याय, सामाजिक न्याय और राजनीतिक न्याय के लिए होगी.
अपना 'लाभार्थी' खड़ा करना चाह रही पार्टी
पीएम मोदी ने देश में भाजपा को एक नए किस्म का वोट बैंक दिया है, जिसे 'लाभार्थी' वोट बैंक कहा जाता है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर मानते हैं कि ये वोट बैंक भाजपा को बड़ा फायदा पहुंचाता है. किसान सम्मान निधि, पीएम आवास योजना और उज्ज्वला योजना समेत कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनके लाभार्थी पीएम मोदी के फेस से कनेक्ट महसूस करते हैं. कांग्रेस भी न्याय योजना के तहत अपना 'लाभार्थी' वोट बैंक तैयार करने में लगी हुई है. मुमकिन है कि आगामी दिनों में पार्टी की जिन-जिन राज्यों में सरकार है, वहां पर न्याय स्कीम लागू की जाए. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को साल के 6 हजार रुपये महीना मिलते हैं. न्याय योजना को प्रचारित कर कांग्रेस भाजपा के इन लाभार्थियों को अपनी तरफ करना चाह रही है. यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए यह बड़ी सफलता होगी.
मध्य प्रदेश है ताजा उदाहरण
हाल ही में मध्य प्रदेश के चुनाव हुए थे. यहां पर भाजपा ने दमदार वापसी की. कई सर्वे ऐसे थे, जिनमें हुए चुनाव में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की 'लाड़ली बहना योजना' को गेम चेंजर माना गया. इस योजना के तहत 60 से कम आयु वाली महिलाओं को सरकार 1000 रुपये प्रति महीना दे रही है. इससे भाजपा का एक लाभार्थी वोट बैंक खड़ा हुआ, जिसने पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई.
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