नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में चेन स्नैचिंग की घटनाओं पर रोक लगाने की तैयारियां अब जोर पकड़ने लगी हैं. विधि आयोग ने ऐसे अपराधियों को 3 से 14 वर्ष तक की जेल और जुर्माने की सजा देने की सिफारिश की है. आयोग ने कहा कि कानून में ऐसे अपराध के लिए अलग से प्रावधान नहीं है, इसलिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में धारा 379-ए और 379-बी जोड़कर सजा के प्रावधान होने चाहिए.
कानून में जोड़ने की सिफारिश
विधि आयोग ने आईपीसी की धारा 410 में चोरी के साथ स्नैचिंग शब्द जोड़ने की भी सिफारिश की है. विधि आयोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रिपोर्ट रखेगा. आयोग का मानना है कि स्नैचिंग के दौरान लूटे गए जेवरात को बाजार में बेच दिया जाता है. खरीदने वाले जेवरात को गला देते हैं, जिससे उसकी रिकवरी नहीं हो पाती है. इससे सजा की संभावना कम होती है.
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खरीदने वाले भी बनेंगे आरोपी
विधि आयोग ने आईपीसी की धारा 411 से 413 तक में संशोधन कर छीनी गई संपत्ति, ऐसी संपत्ति खरीदने वाले लोगों को भी आरोपी बनाने और उनके लिए भी सजा का प्रावधान करने की सिफारिश की है. जल्द ही इसपर अमल किया जा सकता है.चेन स्नैचिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता में धारा 379-ए व 379-बी जोड़ने और दंड प्रक्रिया में संशोधन की सिफारिश करने वाले विधि आयोग ने कहा है कि आईपीसी में संशोधन के लिए विधानसभा सक्षम है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले कुछ दिनों से राज्य में चेन स्नेचिंग की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं. इस पर कानून आ जाने से महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा कदम होगा.
महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए फैसला
यूपी राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्य नाथ मित्तल ने कहा कि यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए विधि आयोग ने यूपी सरकार से चेन स्नैचिंग में 14 वर्ष तक कैद की सिफारिश की है.राज्य सरकार सिफारिश की रिपोर्ट केंद्र को भी भेज दी है।राज्य विधि आयोग ने ऐसे अपराधियो को 3 साल से 14 साल तक कि कैद और जुर्माने की सिफारिश की है. आयोग ने आईपीसी की धारा 411 से 413 तक मे संशोधन कर छीनी गयी संपंती,ऐसी संपंती खरीदने वाले लोगो को भी आरोपी बनाने और उनके लिए भी सज़ा का प्रावधान करने की सिफारिश की है
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