दिल्ली दंगे: GIA की रिपोर्ट में खुलासा, अर्बन नक्सल और जेहादियों ने रची थी साजिश

दिल्ली दंगों के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. GIA की रिपोर्ट से पता चला कि नागरिकता कानून के नाम पर दिल्ली में हुई भाषण हिंसा की साजिश अर्बन नक्सलियों ने रची थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 11, 2020, 08:57 PM IST
    • जेहादियों ने चुन चुन कर लोगों को बनाया निशाना
    • CAA Protest के नाम पर लोगों में भरा गया जहर
    • शाहीन बाग का धरना भी दंगों के लिये जिम्मेदार
दिल्ली दंगे: GIA की रिपोर्ट में खुलासा, अर्बन नक्सल और जेहादियों ने रची थी साजिश

दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में बुधवार को ग्रुप ऑफ इंटलेक्चुअल एंड एकेडमीशियन (GIA) ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को सौंप दी. इस रिपोर्ट में बेहद चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगा एक सुनियोजित षडयंत्र था. ये लेफ्ट और जेहादी गुट की एक सुनियोजित तथाकथित क्रांति थी जिसे दूसरी जगहों पर भी दोहराने की साजिश रची जा रही है. आपको बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा में 52 लोगों की मौत हुई थी.

जेहादियों ने चुन चुन कर लोगों को बनाया निशाना

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन वाली जगहों से दंगे की शुरूआत हुई . सभी विरोध-प्रदर्शनों की जगहों पर महिलाओं को एक ढाल की तरह इस्तेमाल किया गया. जेहादियों ने महिलाओं को आगे करके देश प्रेमियों को निशाना बनाया. 

धरना स्थलों पर चल रही लगातार नारेबाजी की वजह से स्थानीय लोग काफी चिन्तित और भयभीत थे. सड़कों, गलियों और बाजारों के पास आयोजित प्रदर्शनों की वजह से हमेशा वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा. शाहीन बाग मॉडल की वजह से भी एक तनाव जैसा माहौल बनता रहा. 

CAA Protest के नाम पर लोगों में भरा गया जहर

दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोधी प्रदर्शन वाली जगहों से दंगे की शुरूआत हुई . सभी विरोध-प्रदर्शनों की जगहों पर महिलाओं को एक ढ़ाल की तरह इस्तेमाल किया गया. घरना स्थलों पर चल रहे लगातार नारेबाजी की वजह से स्थानीय लोग काफी चिन्तित और भयभीत थे. सड़कों, गलियों और बाजारों के पास आयोजित प्रदर्शनों की वजह हमेशा वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा. शाहीन बाग माडेल की वजह से भी एक तनाव जैसा माहौल बनता रहा. 

शाहीन बाग का धरना भी दंगों के लिये जिम्मेदार

अमित शाह ने इस दौरान ये भी बताया कि किस बयान के बाद शाहीन बाग में धरना शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता 14 फरवरी को बयान देते हैं. वो लोगों को घर से बाहर निकलने की बात कहते हैं. कांग्रेस नेता कहते हैं कि अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे. आर-पार की लड़ाई करो. इस बयान के बाद 16 दिसंबर को शाहीन बाग में धरना शुरू होता है.  बता दें कि शाहीन बाग में देश के खिलाफ नारेबाजी भी हुई थी और लोगों को पीएम मोदी की हत्या तक के लिये उकसाया गया था.

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